नवाब समसुद्दीन
1827 में नवाब शमसुद्दीन फिरोजपुर झिरका के नवाब बने। अंग्रेज अधिकारी विलियम फ्रेजर का इस फिरोजपुर झिरका पर इतना दबदबा था, कि मेवात की जनता पर जमकर जुल्म किया करते थे। 22 मार्च 1835 मे नवाब शमसुद्दीन ने अपने साथी करीम खां मेव के साथ मिलकर विलियम फ्रेजर की हत्या उनके दिल्ली निवास पर जाकर करदी। जिसके बाद गुस्साई अंग्रेजी सेना ने फिरोजपुर झिरका रियासत पर हमला किया, और नवाब समसुद्दीन और करीम खां को गिरफ्तार कर लिया गया, हत्या के आरोप मे दोनो को 3 अक्टूबर 1835 को फांसी दी गयी [[1]]।
इतिहास
सन्दर्भ
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