नवलराम पांड्या
| नवलराम लक्ष्मीराम पांड्या | |
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| जन्म | नवलराम लक्ष्मीराम पांड्या 9 मार्च 1836 सूरत | 
| मौत | अगस्त 7, 1888 (उम्र 52) राजकोट | 
| पेशा | साहित्यालोचक, नाटककार, कवि, निबन्धकार, सम्पादक, शिक्षाविद, और समाजसुधारक | 
| भाषा | गुजराती | 
| उल्लेखनीय कामs | 
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| जीवनसाथी | शिवागौरी (वि॰ 1847) मणिगौरी (वि॰ 1850) | 
नवलराम लक्ष्मीराम पांड्या (9 मार्च 1836 – 7 अगस्त 1888) गुजराती भाषा के समालोचक, नाटकार, कवि, निबन्धकार, सम्पादक, शिक्षाविद और समाजसुधाकरक थे। वे आधुनिक गुजराती साहित्य के सबसे प्रमुख साहित्यकार माने जाते हैं। वे अपने युग के प्रथम व्यंग्यकार, प्रथम ऐतिहासिक नाटककार, प्रथम साहित्यिक आलोचक, और अग्रणी विद्वान थे। उनके लेखन का विषयक्षेत्र बहुत विस्तृत है जिसमें दर्शन, राष्ट्रभक्ति, सुधारवाद, शिक्षा, पत्रकारिता, व्याकरण और साहित्य सब कुछ समाहित है।