वैसे तो उर्दू की हर कविता को नज़्म कहा जा सकता है। पर वर्तमान समय में इसका प्रयोग साधारणतः गज़ल को ‘छोड़कर’ बाकि कविताओं के लिए होता है। वर्तमान समय में यह शब्द किसी भी विषय पर लिखी गई ‘नए ढंग’ की कविता के लिए प्रचलित है। मुक्त छंद कविता को ‘आजाद नज़्म’ कहते हैं।