ध्वनि का वेग
किसी माध्यम (जैसे हवा, जल, लोहा) में ध्वनि १ सेकेण्ड में जितनी दूरी तय करती है उसे उस माध्यम में ध्वनि का वेग कहते हैं। शुष्क वायु में 20 °C (68 °F) पर ध्वनि का वेग 344 मीटर प्रति सेकेण्ड है।
- वेग = अवृत्ति x तरंगदैर्घ्य
ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। इसके संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं होता। वायु में ध्वनि का संचरण एक अनुदैर्घ्य तरंग (लांगीट्युडनल वेव) के रूप में होता है। अलग-अलग माध्यमों में ध्वनि का वेग अलग-अलग होता है। 0°c,पर ध्वनि का वेग 332m/से होता है
विभिन्न माध्यमों में ध्वनि का वेग
गैसों में ध्वनि का वेग
गैसों में ध्वनि के वेग का सूत्र यह है-
जहाँ
- γ समऐन्ट्रॉपिक प्रसार गुणांक (isentropic expansion factor) या रुद्धोष्म गुणांक,
- R सार्वत्रिक गैस नियतांक
- T तापमान (केल्विन में
- M गैस का अणुभार है।
सामान्य ताप और दाब पर इनके मान निम्नलिखित हैं-
- γ = 1.4 (वायु के लिये)
- R = 8.314 J/mol·K = 8,314 kg·m2/mol·K·s2
- T = 293.15 K (20 °C)
- M = 0.029 kg/mol (वायु के लिये)
आदर्श गैस समीकरण का प्रयोग करने पर,
जहाँ P गैस का दाब (पास्कल में), V गैस का आयतन ( m3 में) और m गैस का द्रव्यमान है। इससे ध्वनि के वेग का निम्नलिखित सूत्र प्राप्त होता है-
जहाँ ρ माध्यम का घनत्व ( kg/m3 में) है।
ठोसों में ध्वनि का वेग
जहाँ E ठोस का यंग मापांक और ρ ठोस का घनत्व है। इस सूत्र से इस्पात में ध्वनि का वेग निकाला जा सकता है जो लगभग 5148 m/s है।
द्रवों में ध्वनि का वेग
जल में ध्वनि के वेग का महत्व इसलिये है कि समुद्र-तल की गहराई का मानचित्र बनाने के लिये इसका उपयोग होता है। नमकीन जल में ध्वनि का वेग लगभग 1500 m / s होता है जबकि शुद्ध जल में 1435 m / s होता है। पानी में ध्वनि का वेग मुख्यतः दाब, ताप और लवणता पर आदि के साथ बदलता है।
द्रव में ध्वनि का वेग निम्नलिखित सूत्र से दिया जाता है-
जहाँ K' आयतन प्रत्यास्थता मापांक और ρ द्रव का घनत्व है।
विभिन्न माध्यमों में ध्वनि का वेग : ठोस > द्रव > गैस
वायु में ध्वनि की चाल की ताप पर निर्भरता
तापमान °C में | ध्वनि का वेग m/s में |
---|---|
+35 | 352.17 |
+30 | 349.29 |
+25 | 346.39 |
+20 | 343.46 |
+15 | 340.51 |
+10 | 337.54 |
+5 | 334.53 |
0 | 331.50 |
−5 | 328.44 |
−10 | 325.35 |
−15 | 322.23 |
−20 | 319.09 |
−25 | 315.91 |