धोबी
धोबी धुलाई कार्यलिप्त एक जाति है जिसमें हिन्दू एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग हैं जो हिन्दी शब्द 'धोना' या संस्कृत शब्द 'घाव' से अपना नाम लेते हैं, दोनों का अर्थ 'धोना' है। हिन्दू धोबी रजक के नाम से जाने जाते हैं और वे कन्नौज के प्रवासी होने पर विश्वास करते हैं। हिन्दू धोबियों में पाँच अन्तरविवाही समूह हैं, जैसे कि अयुध्यावासी, बेलवार, कनौजिया, जैसवार एवं मेगहिया। कपड़ा धोने के अपने पारम्परिक व्यवसाय में लिप्त होने के साथ ही साथ वे खेती में भी लिप्त हैं। वे नौकरियों में भी हैं तथा कुशल एवं अकुशल श्रम एवं पशुपालन उनका पारम्परिक व्यवसाय है। मुस्लिम धोबी बरेठा के नाम से जाने जाते हैं और वे अपने को इस्लाम धर्म कबूल करने के पूर्व हिन्दू होने में विश्वास करते हैं। वे शेख मुसलमान होने का दावा करते हैं। मुस्लिम धोबी बहुधा अपने कपड़ा धुलाई के पारम्परिक व्यवसाय पर निर्भर हैं जबकि उनमें से अनेक ड्राई क्लीनिंग, दैनिक श्रमिक, कृषि एवं शासकीय एवं निजी नौकरियों में हैं। इस समुदाय में बहुत से लोग विद्वान, सफ़ेदपोश कर्मचारी, रक्षाकर्मी एवं स्थानीय नेता हैं। हिन्दुओं में धोबी एक अछूत जाति मानी जाती है और समाज में उनका स्तर बहुत ही निम्न है जबकि मुसलमान धोबी भंगी जाति से उच्च स्तर के माने जाते हैं और नाई, गद्दी, चिकवा आदि के समान स्वच्छ जाति के माने जाते हैं (अन्सारी 1959)। हिन्दू धोबी अनुसूचित जाति में शामिल है।[1]
सन्दर्भ
- ↑ Hasnain, Nadeem (2011). Doosra Lucknow. Vani Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5000-850-8.