द्वारक
फोटोग्राफी के सन्दर्भ में द्वारक या अपर्चर[1] का मतलब है छेद और यह कैमरा के लेंस का एक भाग है। लेंस के इसी छेद से होते हुए रौशनी भीतर आकर कैमरा सेंसर [2] पर पड़ती है और फोटो खिंच जाती है |
किसी फोटो में सही एक्सपोज़र[3] के लिए अपर्चर बहुत ही ज़रूरी है | एक्सपोज़र के अलावा किसी फ़ोटो में बेहतरीन डेप्थ ऑफ़ फील्ड पाने के लिए लिए भी अपर्चर का बहुत बड़ा महत्त्व है |
 लेंस के अलग अलग अपर्चर लेंस के अलग अलग अपर्चर
 जैसे जैसे लेंस का अपर्चर यानि छेद बढ़ता जायेगा वैसे वैसे अधिक मात्रा में रौशनी लेंस के भीतर आयेगी और फोटो उजली होती चली जाएगी | 
इसी प्रकार से यदि अपर्चर छोटा होता जायेगा तो भीतर कम रौशनी जाने के कारण फोटो अंधकारमय आएगी |
अपर्चर को कैसे नापा जाता है?
लेंस के अपर्चर को जिस इकाई से मापते हैं उसे F संख्या कहते हैं |
यह F संख्या जितनी छोटी होगी उतना ही छेद यानि अपर्चर बड़ा होगा और उसी प्रकार F संख्या के बड़े होने से लेंस का अपर्चर छोटा होता जायेगा |
कैमरा में अपर्चर कैसे नियंत्रित किया जाता है?
किसी भी कैमरा में अपर्चर को दो प्रकार से नियंत्रित किया जा सकता है |
१. मैन्युअल मोड
मैन्युअल मोड पर अपर्चर की संख्या को अपने हिसाब से बदला जा सकता है | यही नहीं इस मोड पर शटर गति और ISO भी बदल सकते हैं |
 अपर्चर प्रायोरिटी मोड अपर्चर प्रायोरिटी मोड
२. अपर्चर प्रायोरिटी
इस मोड पर केवल अपर्चर ही बदल सकते हैं और स्वतः ही शटर गति और ISO अपने आप बदल जायेंगे |
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 20 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 अप्रैल 2020.
- ↑ https://www.exposureguide.com/exposure/