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दोस्तवाद

दोस्तवाद अथवा क्रोनीज्म (Cronyism) अपने घनिष्ठ मित्रों को योग्यता, न्याय, नियम का ध्यान रखे बिना उच्च पदों पर आसीन करना कहलाता है। यह मुख्यतः राजनीतिक क्षेत्रों में स्वार्थ अथवा सरकार बचाने के लिए भ्रष्ट-सरकारें करती हैं।[1]

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सन्दर्भ

  1. कोठारी, गुलाब (6 अक्टूबर 2013). "आधी जीत, हार भी आधी". राजस्थान पत्रिका. पृ॰ 1. मूल से 10 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्टूबर 2013. |pages= और |page= के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)