दोपहर
दिन का दूसरा प्रहर या मध्याह्न वो होता है, जब सूरज सिर पर आ जाता है।[1] एक दिन में आठ प्रहर या पहर होते हैं. एक पहर तीन घंटे का होता है।[2] सूर्योदय के समय दिन का पहला प्रहर प्रारंभ होता है। दूसरे पहर की समाप्ति और तीसरे पहर का प्रारंभ, दोपहर होती है। यह समय लगभग दिन के बीच लगभग 12 बजे का होता है।
सन्दर्भ
- ↑ प्रसाद, कालिका (2000). बृहत हिन्दी कोश. वाराणसी भारत: ज्ञानमंडल लिमिटेड. पृ॰ 540. पाठ "editor: राजबल्लभ सहाय, मुकुन्दीलाल श्रीवास्तव" की उपेक्षा की गयी (मदद);
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(मदद) - ↑ आप्टे, वामन शिवराम (1969). संस्कृत हिन्दी कोश. दिल्ली, पटना, वाराणसी भारत: मोतीलाल बनारसीदास. पृ॰ 683. पाठ "editor: वामन शिवराम आप्टे" की उपेक्षा की गयी (मदद);
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(मदद)