सामग्री पर जाएँ

देथा

 देथा, अथवा देथो, एक चारण समुदाय का गोत्र है जो सिंध, राजस्थानगुजरात में मौजूद है।[1][2][3][4][5][6]

इतिहास

देथा मुख्य रूप से सिंध में थारपारकर और उमरकोट के क्षेत्रों में केंद्रित थे जहां वे सोढा राजपूतों के साथ निकटता से जुड़े थे। उमरकोट से 3 मील उत्तर-पूर्व में स्थित खारोड़ा की सबसे बड़ी जागीर 1225 ईस्वी (विस 1282) में उमरकोट के शासक राणा जयभ्रम द्वारा जफजी देथा को प्रदान की गई थी। जफजी देथा ने राज्य के विस्तार में राणा की सहायता की थी। [7]

भारत विभाजन के बाद

भारत की आजादी और विभाजन के बाद, कई हिंदू समुदाय भारत में चले गए लेकिन पाकिस्तान में एक बड़ी संख्या बनी रही। गोत्र की समस्या के कारण, सिंध के देथा शादी के लिए भारत के चारण समुदाय पर निर्भर है। [8]

कुलदेवी

देथा देवल माता को अपनी कुलदेवी (संरक्षक देवी) के रूप में पूजते हैं, जिनका मुख्य मंदिर सिंध के खारोड़ा गांव में स्थित है। [7] [9]

उल्लेखनीय लोग

संदर्भ

  1. Hooja, Rakesh; Joshi, Rajendra (1999). Desert, Drought & Development: Studies in Resource Management and Sustainability (अंग्रेज़ी में). Rawat Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7033-358-6. The Detha clan of Chelana was richer than most other farmers of that village to a large extent because their farm was based on cattle breeding and bull calf castration.
  2. Westphal-Hellbusch, Sigrid; Westphal, Heinz. Hinduistische Viehzüchter im nord-westlichen Indien (जर्मन में). Duncker & Humblot. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-3-428-43745-0. The Sind Charan have 120 exogamous divisions of which the following are the most common : 1) Abda, 2) Aliga, 3) Ambe, 4) Anuva, 5) Bansur, 6) Barsaram, 7) Barshada, 8) Bati, 9) Beka, 10) Bhansur, 11) Chiba, 12) Dechia, 13) Dekal, 14) Detha
  3. Gahlot, Sukhvir Singh; Dhar, Banshi (1989). Castes and Tribes of Rajasthan (अंग्रेज़ी में). Jain Brothers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-85287-00-3.
  4. Timberg, Thomas A. (1981). "Berunda: A Case of Exhausted Development". Economic and Political Weekly. 16 (8): 265–265. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0012-9976. Starting in 1948, an innovating group of farmers centering on the Detha family had begun using a large diesel- operated tubewell going down 100-150 feet.
  5. Parihar, Vinita (1989). Society in Transition (अंग्रेज़ी में). Printwell Publishers. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7044-152-6. There were 102 Khanps of Charans out of which fifty three were found in Marwar. Those are Ada , Asiya , Ujjal , Kaviya , Ratnu, Sandu , Sanwal , Bithu , Lalas , Surtaniya , Detha , Meharia etc.
  6. Choudhry, P. S. (1968). Rajasthan Between the Two World Wars, 1919-1939 (अंग्रेज़ी में). Sri Ram Mehra.
  7. Cimanajī (1966). Sōḍhāyaṇa. Sañcālaka, Rājasthāna Prācyavidyā Pratishṭhāna. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  8. Kamleshwar (2005). आँखों देखा पाकिस्तान: एक छोटा-सा सफ़रनामा. Rajpal & Sons. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7028-641-7. विभाजन के बाद भी सरहद के इधर-उधर शादियाँ करने का सिलसिला थमा नहीं। लेकिन लड़की के लिए वापस पीहर जाना सपना बनकर रह जाता है। मुसलमानों के अलावा राजपूत, चारण, ... समुदाय की रिश्तेदारियाँ सीमा के दोनों ओर हैं। द सिन्धु वेली रिसर्च इंस्टीट्यूट के उपनिदेशक तेजदान चारण के अनुसार गोत्र की परेशानी के कारण सोढ़ा-देथा जैसे समुदायों को लड़कियों की शादी भारत में करनी पड़ती है।
  9. Maru-Bhāratī. Biṛlā Ejyūkeśana Ṭrasṭa. 2002. पृ॰ 123.