देउल

देउल (अंग्रेज़ी: Deula, ओड़िया: ଦେଉଳ) एक वास्तु तत्व है जिसका प्रयोग पूर्व भारत में कलिंग शैली में बने हिन्दू मन्दिरों में होता है। ओड़िया और बंगाली में कभी-कभी पूरे मन्दिर को ही "देउल" कह दिया जाता है।[1]
देउल के प्रकार
देउल तीन प्रकार के होते हैं:
- रेखा देउल (Rekha Deula, রেখা দেউল) - गर्भगृह और उसके ऊपर शिखर
- पीढ़ देउल (Pidha Deula, পিড়া দেউল) - मण्डप, जहाँ श्रद्धालु एकत्रित होते हैं
- खाखारा देउल (Khakhara Deula, খাখারা দেউল) - शिखर का एक वैकल्पिक रूप होता है जो देखने में दक्षिण भारत के गोपुरम से मिलता-जुलता है
चित्रदीर्घा
 लिंगराज मन्दिर, रेखा देउल (शिखर) का उदहारण लिंगराज मन्दिर, रेखा देउल (शिखर) का उदहारण
- शान्तिनाथ मन्दिर, पश्चिम बंगाल
 कोणार्क सूर्य मंदिर, पिड़ा देउल का उदहारण कोणार्क सूर्य मंदिर, पिड़ा देउल का उदहारण
 वेताल देउला, खाखरा देउल का उदहारण वेताल देउला, खाखरा देउल का उदहारण
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Architecture on the Indian Subcontinent - Glossary". मूल से 6 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-01-26.