दुर्रानी साम्राज्य
दुर्रानी साम्राज्य د درانیانو واکمني | |||||
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सन् १७६१ में अपने चरम पर दुर्रानी साम्राज्य | |||||
राजधानी | पहले: कंदहार बाद में: काबुल (ग्रीष्मकालीन), पेशावर (शीतकालीन) | ||||
भाषाएँ | पश्तो, दरी फ़ारसी, हिन्दुस्तानी | ||||
धार्मिक समूह | सुन्नी इस्लाम | ||||
शासन | अमीरत | ||||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | १७४७ | |||
- | अंत | १८२६ | |||
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दुर्रानी साम्राज्य (पश्तो: د درانیانو واکمني, द दुर्रानियानो वाकमनई) एक पश्तून साम्राज्य था जो अफ़्ग़ानिस्तान पर केन्द्रित था और पूर्वोत्तरी ईरान, पाकिस्तान और पश्चिमोत्तरी भारत पर विस्तृत था। इस १७४७ में कंदहार में अहमद शाह दुर्रानी (जिसे अहमद शाह अब्दाली भी कहा जाता है) ने स्थापित किया था जो अब्दाली कबीले का सरदार था और ईरान के नादिर शाह की फ़ौज में एक सिपहसलार था। १७७३ में अहमद शाह की मृत्यु के बाद राज्य उसके पुत्रों और फिर पुत्रों ने चलाया जिन्होने राजधानी को काबुल स्थानांतरित किया और पेशावर को अपनी शीतकालीन राजधानी बनाया। अहमद शाह दुर्रानी ने अपना साम्राज्य पश्चिम में ईरान के मशाद शहर से पूर्व में दिल्ली तक और उत्तर में आमू दरिया से दक्षिण में अरब सागर तक फैला दिया और उसे कभी-कभी आधुनिक अफ़्ग़ानिस्तान का राष्ट्रपिता माना जाता है।[1]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Ahmad Shah and the Durrani Empire Archived 2012-07-22 at archive.today, Library of Congress Country Studies on Afghanistan, 1997, Accessed 2010-08-25