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दीवार (1975 फ़िल्म)

दीवार

दीवार का पोस्टर
निर्देशकयश चोपड़ा
लेखकसलीम ख़ान
जावेद अख्तर
पटकथासलीम ख़ान
जावेद अख्तर
निर्मातागुलशन राय
अभिनेताशशि कपूर
अमिताभ बच्चन
नीतू सिंग
परवीन बॉबी
निरूपा रॉय
इफ़्तेख़ार
मदन पुरी
सत्येन कप्पू
संगीतकारराहुल देव बर्मन
साहिर लुधियानवी (गीत)
प्रदर्शन तिथि
२४ जनवरी १९७५
देशभारत
भाषाहिन्दी

दीवार १९७५ की भारतीय एक्शन क्राइम ड्रामा फिल्म है जो सलीम-जावेद (सलीम खान और जावेद अख्तर) द्वारा लिखित और यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित है। २४ जनवरी १९७५ को दुनिया भर में रिलीज हुई इस फिल्म में शशि कपूर, अमिताभ बच्चन, नीतू सिंग, परवीन बाबी, निरूपा रॉय, इफ़्तेख़ार, मदन पुरी और सत्येन कप्पू जैसे कलाकार शामिल हैं। फिल्म गरीब भाईयों की एक जोड़ी की कहानी बताती है, जो अपने पिता के गलत आदर्शवाद के कारण अपने परिवार को धोखा देने के बाद, मुंबई की मलिन बस्तियों में जीवित रहने के लिए संघर्ष करते हैं, और अंततः खुद को कानून के विरोधी पक्ष में पाते हैं। दीवार शीर्षक उस दीवार का प्रतीक है जो सामाजिक-राजनीतिक उथल-पुथल के समय में भाग्य और परिस्थितियों के कारण दोनों भाईयों के बीच खड़ी हो गई है।[1]

पटकथा

आनंद वर्मा (सत्यन कप्पू) मजदूर संघ का नेता है और मजदूरों के हक़ के लिए फैक्ट्री मालिकों से लड़ाई करता है, पर फैक्ट्री मालिक उसे, उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देते है, जिससे डरकर आनंद उनकी बात मान लेता है। मजदूर इससे गुस्साकर आनंद पर जानलेवा हमला कर देते है। आनंद घर छोड़कर भाग जाता है। मजदूर, विजय के हाथ पर "मेरा बाप चोर है" लिख देते हैं। मजदूरों से परेशान होकर आनंद की बीवी सुमित्रा (निरुपमा रॉय) अपने बच्चों, विजय (अमिताभ बच्चन) और रवि (शशि कपूर) के साथ बंबई चली आती है। अपने बच्चों को पालने के लिए सुमित्रा मज़दूरी करने लगती है। विजय भी पढ़ाई छोड़कर मज़दूरी करने लगता है ताकि उसका भाई रवि पढ़ सके। बड़े होकर विजय एक फैक्ट्री में मज़दूर बन जाता है और रवि एक पुलिस अफ़सर। विजय को लगता है की दुनिया उसी की सुनती है जिसके पास पैसा है और सच्चाई के रास्ते पर चलने से सिर्फ़ नाकामी मिलती है। पर रवि को सच्चाई और क़ानून पर पूरा विश्वास होता है। पर उसे क़ानून और भाई मे से किसी एक को चुनना है। पैसे कमाने की चाह में विजय सोने की तस्करी करने लगता है और फिर शुरू होती है दोनों भाईयों मे तकरार की कहानी।

फिल्म के संवाद बहुत ही दमदार हैं और आज तक इस्तेमाल किये जाते हैं। फिल्म के गाने दर्शकों ने पसंद किए हैं और फिल्म की कहानी दर्शकों को कुर्सी से बाँधे रखती है।

कुछ प्रसिद्द संवाद है:

"मेरा बाप चोर है।"

"आज मेरे पास बंगला है, प्रॉपर्टी है, गाड़ी है, बैंक बॅलेन्स है, तुम्हारे पास क्या है?" - "मेरे पास माँ है।"

"मैं आज भी फैंके हुए पैसे नहीं उठाता।"

"ये चाबी अपनी जेब मैं रख ले पीटर, अब ये ताला मैं तेरी जेब से चाबी निकाल कर ही खोलूँगा।"

"पीटर तुम मुझे वहाँ ढूंढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहाँ इंतज़ार कर रहा हूँ।"

निर्देशक: यश चोपड़ा

निर्माता: गुलशन राई

कथा लेखक: जावेद अख़्तर, सलीम ख़ान

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

गीतगायकटिप्पणी
"कहदूं तुम्हे" किशोर कुमार, आशा भोसले लोकप्रिय गीत
"मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है" किशोर कुमार, आशा भोसले
"कोई मरजाए" आशा भोसले, उषा मंगेशकर
"दीवारों का जंगल" मन्ना डे
"इधर का माल उधर" भूपेंद्र सिंह
"आइ एम फालिंग इन लव विथ ए स्ट्रेंजर" उर्सुला वाज़

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

दीवार ने वर्ष 1976 फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता व सह-अभिनेत्री भागों को छोड़ लगभग सभी पुरस्कारों को जीता।[2]

उल्लेख

  1. "Shashi Kapoor: an actor, a gentleman and a man of integrity". मूल से 10 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2017.
  2. "किशोर कुमार ने फिल्मफेयर के लिए लगातार गाया..." मूल से 7 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2011.
  3. "पहली फिल्मफेयर पुरस्कार 1953" (PDF). मूल (PDF) से 12 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2011.

बाहरी कड़ियाँ