दीपक चोपड़ा
दीपक चोपड़ा एक डाक्टर और लेखक हैं। उन्होंने आध्यात्म पर कई पुस्तकें लिखी हैं जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया है। वे कहते हैं कि वो कृष्णमूर्ति से काफी प्रभावित हैं। उन्हें वेदान्त और भगवद्गीता से भी प्रेरणा मिलती है।
जीवनी
दीपक चोपड़ा का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ था। उनके पिता के डॉ॰ के एल चोपड़ा मूलचंद अस्पताल, दिल्ली में डाक्टर थे। दीपक चोपड़ा ने सेंट कोलम्बस स्कूल से बारहवीं तथा अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नयी दिल्ली से स्तानक की उपाधि प्राप्त की। 1969 में स्नातक होने के बाद वो 1970 में अपनी पत्नी रीता चोपड़ा के साथ अमेरिका चले गये। वहां उन्होंने न्यू जर्सी हास्पीटल में इंटर्नशिप की। उसके बाद और भी कई अस्पतालों उन्होंने प्रशिक्षण लिया। 1973 में उन्हें मेनचेस्टर में मेडिकल प्रशिक्षण को लाइसेंस मिल गया। 2004 में कैलिफोर्निया राज्य में उन्होंने लाइसेंस प्राप्त किया।
चोपड़ा टफ्स यूनिवर्सिटी और बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में उन्होंने अध्यापन का कार्य किया। उन्होंने निजी क्लिनिक भी स्थापित की।
1981 में वो दिल्ली में आयुर्वेद के डाक्टर डॉ॰ वैद्य बृहस्पति देव त्रिगुणा से मिलने के बाद वो ट्रांसडेंटल मेडिटेशन के वक्ता बन गये। 1996 में उन्होंने डॉ॰ डेविड सिमोन के साथ मिलकर कैलिफोर्निया में चोपड़ा सेंटर की स्थापना की। 2004 में दीपक चोपड़ा ने गौतम बुद्ध के ऊपर एक फिल्म की पटकथा लिखी और शेखर कपूर को इसका निर्देशन करने को कहा लेकिन कुछ कारणों से बात आगे नहीं बढ़ पाई।
2006 में उन्होंने अपने बेटे गौतम चोपड़ा और रिचर्ड ब्रानसन के साथ मिलकर वरजिन कामिक्स की स्थापना की जो दक्षिण एशिया की कला एवं संस्कुति को कामिक्स के जरीये प्रचारित करती।
कृतियाँ
दीपक चोपड़ा के कई विचार उनकी पहली पुस्तक ‘क्रिएटिंग हेल्थ’ में मिलते हैं जो 1986 में प्रकाशित हुई थी। वो ध्यान की काफी वकालत करते हैं और मन और तन में संबंध बनाने की बात करते हैं।