दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना
दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा (The Delhi-Mumbai Industrial Corridor) भारत सरकार द्वारा प्रायोजित औद्योगिक-विकास की विशाल परियोजना है। एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की यह एक महत्वाकांक्षी योजना है जो छः राज्यों को समेटे हुए हैं। इस परियोजना के पूरा होने पर अधोसंरचना एवं उद्योग का अत्यधिक प्रसार हो जायेगा तथा रेल, सड़क, बंदरगाह एवं हवाई यातायात की व्यापक वृद्धि हो जायेगी। इसके तहत भारत एवं जापान ने परियोजना विकास निधि स्थापित करने का निर्णय लिया है जो आरम्भ में 1000 करोड़ रूपये की होगी। दोनो सरकारें समान मात्रा में योगदान करेंगी।
किन राज्यों से यह गलियारा गुज़रेगा
इस परियोजना में २०० वर्ग किमी के छः विशाल निवेश-क्षेत्र शामिल हैं। यह सात राज्यों - दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, पश्चिमी महाराष्ट्र, एवं मध्य प्रदेश के इन्दौर से होकर जायेगी। यह गलियारा २७०० किमी लम्बाई में फैला होगा। इसके अतिरिक्त ५००० किमी की फीडर लाइने मुम्बई को पश्चिमी बंगाल से जोड़ेगीं।
परिचय
'दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना' स्थानीय व्यवसाय में निवेश की बढ़ोतरी व सतत विकास प्राप्त करने के मद्देनजर ऐसे मूलभूत ढांचे का विनिर्माण कर रही है जो वैश्विक प्रतिस्पर्धक वातावरण में अपने आपको स्थिर रख सके। संपूर्ण डीएमआईसी क्षेत्र के लिए संभावित प्लान व 6 राज्यों के निवेश नाड्स के लिए प्रारूप तैयार करने का आदेश सलाहकारों को दिया जा चुका है। संपूर्ण क्षेत्र के लिए प्लान तैयार हो चुका है। हरित एकीकृत टाउनशिप के लिए महाराष्ट्र के धौलपुरी व अहमदनगर के नजदीक स्थलों का चयन किया जा चुका है। अवधारित मास्टर प्लान महाराष्ट्रा सरकार को उनकी टिप्पणी के लिए सौंप दिया गया है। दो एक्सप्रेस राजमार्गों जो इंदौर-अहमदाबाद व पुणे-नासिक हैं के लिए पूर्व संभावित अध्ययन प्रारूप की समीक्षा कर ली गई है। इस बारे में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी परियोजना हेतु उनके अवलोकन व रूचि के लिए शामिल किया गया है। संभावित प्लान की सिफारिशों के अनुसार ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने का काम हाथ में ले लिया गया है। चार स्थलों (मध्यप्रदेश में गुना, महाराष्ट्र में इंदापुर व विले-भगत व गुजरात में वघेल) के लिए विस्तृत परियोजना रपट पूर्ण हो गई है। परियोजना स्थलों पर वातावरण के प्रभाव का अध्ययन भी खत्म हो गया है। दो नई ऊर्जा परियोजनाएं गुजरात के मेहसाणा जिले में राजपुर-शाहापुर व राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की बागीडोरा तहसील हेतु चिन्हित कर ली गई हैं। इन दोनों स्थलों पर स्थल परीक्षण की योजना है। सभी 6 परियोजनाओं के लिए प्रथम चरण के टर्म ऑफ रेफ्रेंस को पर्यावरण व वन मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त हो गई है। 4 ऊर्जा परियोजना के लिए गैस आपूर्ति हेतु गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.के साथ समझौता हस्ताक्षरित हो गया है।