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दिल्ली की लड़ाई (१७३७)

दिल्ली की लड़ाई
तिथि 28 मार्च 1737
स्थान दिल्ली
परिणाम मराठा साम्राज्य विजय
योद्धा
मराठा साम्राज्यमुगल साम्राज्य
सेनानायक
बाजीराव प्रथम
मल्हारराव होलकर
विथोजी बुले
मीर हसन खान कोका[1]
शक्ति/क्षमता
50,000 घुड़सवार सेना[2]8,000 सैनिकों[2][3]

दिल्ली की लड़ाई 1737 28 मार्च 1737 को मराठा साम्राज्य और मुगल साम्राज्य के बीच तालकतोरा दिल्ली के पास लड़ी गयी थी। लड़ाई मराठा साम्राज्य द्वारा जीती गई थी।[4][5][6]

12 नवंबर 1736 को, मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम मुगल राजधानी पर हमला करने के लिए दिल्ली पर आगे बढ़े। मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने मीर हसन खान कोका को 150,000 सैनिकों की सेना के साथ दिल्ली पर मराठाओं के हमले को रोकने के लिए भेजा।[7] बाजीराव की सेना ने दिल्ली की ओर बढ़ कर तालकतोरा के पास डेरा डाला।[8] मुगलों ने मराठा सेना पर हमला किया लेकिन उन्हें मराठो ने भारी नुकसान के साथ हरा दिया।[9]

परिणाम

इस जीत से मराठा साम्राज्य की उत्तर की ओर और विस्तार का संकेत दिया। मुहम्मद शाह ने हैदराबाद के निज़ाम और भोपाल के नवाब की सेनाओं को मराठा सेना को नष्ट करने काआह्वान किया।[10][4] निज़ाम और नवाब ने मुगल साम्राज्य को मराठों के आक्रमण से बचाने के लिए हैदराबाद से आगे बड़े, लेकिन वे भोपाल की लड़ाई में निर्णायक रूप से हार गए।(24 दिसंबर 1737)[4][4] मराठों ने मुगलों से बड़ी सहायक नदियाँ निकालीं, और एक संधि पर हस्ताक्षर किए जिसमें मालवा को मराठों को सौंप दिया।[4]

मराठा लूट ने मुगल साम्राज्य को कमजोर कर दिया, जो 1739 में नादिर शाह और 1750 में अहमद शाह अब्दाली के लगातार आक्रमणों के बाद और भी कमजोर हो गया। लगातार हमलों के वजह से मराठों ने फिर एक बार 1757 में दिल्ली पर आक्रमण किता और रोहिल्लाओं को दिल्ली से बाहर कर दिया। इसके बाद मुगलों ने सारी शक्ति खो दी।[11]

सन्दर्भ

  1. Mehta, Jaswant Lal (2005-01-01). Advanced Study in the History of Modern India 1707–1813 (अंग्रेज़ी में). Sterling Publishers Pvt. Ltd. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-932705-54-6.
  2. Dighe, V. G. (1944). Peshwa Bajirao I and Maratha expansion. पृ॰ 136.
  3. Advance Study in the History of Modern India (Volume-1: 1707–1803) Pg.117
  4. Sen, Sailendra Nath (2010). An Advanced History of Modern India (अंग्रेज़ी में). Macmillan India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-230-32885-3.
  5. Tucker, Spencer C. (2009-12-23). A Global Chronology of Conflict: From the Ancient World to the Modern Middle East - 6 volumes: From the Ancient World to the Modern Middle East (अंग्रेज़ी में). ABC-CLIO. पृ॰ 732. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-85109-672-5.
  6. Bowman, John (2000). Columbia Chronologies of Asian History and Culture (अंग्रेज़ी में). Columbia University Press. पृ॰ 285. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-231-11004-4.
  7. Mehta, Jaswant Lal (January 2005). Advanced Study in the History of Modern India 1707–1813. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-932705-54-6.
  8. Smith, R. V. (2017-02-20). "Talkatora's vicissitudes of fortune". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2021-12-15.
  9. Mehta, Jaswant Lal (January 2005). Advanced Study in the History of Modern India 1707–1813. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-932705-54-6.
  10. Jayapalan, N. (2001). History of India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788171569281.
  11. Robinson, Howard; James Thomson Shotwell (1922). "Mogul Empire and the Marathas". The Development of the British Empire. Houghton Mifflin. p. 106–132.