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दास्तान एक जंगली राज की

आजादी के बाद की पंजाब (भारत) की सबसे प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक अजीत कौर की किताब घर से प्रकाशइत इस कहानि संग्रह में कुल 15 कहानियाँ हैं। इसमें वर्तमान समय और समाज पर सटीक टीकाएँ हैं। इनमें बेकसूर लोगों के कत्ल के साथ ही पेड़ों के कटने और पंछियों के मरने, चीटीयों के बेघर होने, नदियों के सूखने और जंगलों की आखरी पुकार भी सुनाई देती है। इसमें स्याह और सफेद, शहरी और गाँव की, देश की और परदेश की, आदमी और औरत की तथा और भी कितनों की दुनिया है। इनमें दिल्ली और मुंबई के अनेक रंग हैं। इसमें दाद देने वाले हैं, भिखारी हैं, देवर-भाभी हैं, मामी हैं और क्लर्क-महाराज भी हैं। ये साधआरण लोगों की असाधारण कहानियाँ हैं।