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दावाह

दावाह या दावह; (अरबी : دعوۃ) यह एक अरबी शब्द है। मूल या स्थूल रूप से इसका अर्थ "आमंत्रण" है। इस्लाम के संदर्भ में, दावाह का अर्थ इस्लाम में आमंत्रण है।[1]

इस्लाम के कुछ समूह जैसे सलाफ़ी और जमात-ए-इस्लामी में, दावाह को एक राजनीतिक गतिविधि के रूप में भी माना जाता है। इन समूहों के अनुसार, दावाह का उद्देश्य इस्लामवादी विचारधारा के व्यवस्थित प्रसार के माध्यम से आधुनिक युग में इस्लाम के पतन के रूप में जो कुछ भी दिखता है, उसे उलट देना भी है और अंतिम एक इस्लामिक राज्य की स्थापना को सक्षम बनाता है।[1]

धर्म प्रचार

इस्लामी धर्मप्रचारक, लोगों को इस्लाम के बारे में बताते और सम्झाते हुवे इस्लाम की तरफ़ बुलाने को "दावाह" कहते हैं। इस तरह के निमंत्रण करने वाले को "दाई" कहते हैं। यानी इसलाम धर्म में आने या उसको स्वीकार करने का निमंत्रण देने वाला। [2]

इस्लाम में धर्म प्रचार को "तबलीग" कहते हैं। प्रचारक को "मुबल्लिग" कहते हैं। यह मुबल्लिग यानी प्रचारक भी दाई का काम करते हैं, यानी इसलाम धर्म में आने की दावत देते हैं। साथ साथ, एक मुस्लिम दूसरे मुस्लिम को भी धार्मिक रूप से परिपूर्ण होने का निमंत्रण देते हैं इसको भी दावाह कहते हैं। [3]

उद्देश्य

दावाह का मुख उद्देश्य यह है कि मुस्लिम और गैर-मुस्लिमों को इस्लामीय तत्व सम्झाना, अल्लाह की तौहीद को समझाना और मुहम्मद साहब और उनकी प्रवक्तता का परिचय देना है। लोगों को इस्लाम की तरफ़ बुलाना और इस्लाम का प्रचार और विस्तार करना।

ह.मुहम्मद के काल में

ह. मुहम्मद के काल में, मुहम्मद साहब ने अपने अनुयाइयों (सहाबा) को कुछ समूह बनाकर कई देशों में भेजा कि लोगों को एकेश्वरोपासना (तौहीद) की तरफ़ बुला सकें। आप के बाद भी, आप के अनुयाई इस काम को जारी रखा।

दावाह के तरीक़े

  • सौम्यता : दावाह जब भी करें, सौम्यता से करें। कर्कश रूप सख्त मना है। विनम्रता दावाह का ज़ेवर माना जाता है।
  • बुद्धि-कुशलता : जब किसी को आमंत्रण दें तो बुद्धि कुशलता और तार्किक रूप से समझाते हुवे बात बताना।
  • भाशोपयोग : उसी इलाक़े की भाशा में आमंत्रण देना।
  • प्रदेश : ऐसे प्रदेशों में प्रसंग करो जिस की वजह से किसी को तकलीफ़ न हो।

दावाह प्रशिक्षण

विभिन्न इस्लामिक संस्थाएं दाई को सफल दावाह के लिए तैयार करने के लिए विस्तृत पुस्तिकाएं, प्रशिक्षण और कार्यशालाएं प्रदान करती हैं।

दावाह पुस्तिकाएं

दावाह पुस्तिकाएं मार्गदर्शिकाएँ प्रशिक्षण सामग्री है जो गैर-मुस्लिमों को इस्लाम स्वीकार करने और धर्मांतरित करने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक ढाँचे के लिए एक रूपरेखा और पद्धति देती है। नियमावली, विभिन्न तकनीकों और गैर-मुस्लिम व्यक्ति या सामूहिक दर्शकों के साथ-साथ सामाजिक-धार्मिक समूहों जैसे एंथीस्ट, बौद्ध, ईसाई, हिंदू आदि के लिए संवाद को लागू करने के विस्तृत चरणों पर विस्तृत मार्गदर्शन प्रस्तुत किया गया है।[4][5]

प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ

दावाह को शारीरिक कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।[6][7] ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ, वेबिनार और ऑनलाइन चर्चा मंच के रूप में दावाह प्रशिक्षण भी प्रदान किए जाते हैं।[8]

अन्य रूप

  • शादी की दावत देना : विवाह जैसे शुभ अवसरों में निमंत्रण देने को भी दावत देना कहते हैं।
  • घरों में भोजन करने के निमंत्रण को भी "दावत" कहते हैं।
  • इस नाम से चावल बेचने की कंपनी भी है।

सन्दर्भ

  1. Weidl, Nina (14 December 2009). "Dawa and the Islamist Revival in the West". Hudson Institute. अभिगमन तिथि 17 October 2020.
  2. "Oxford Islamic Studies Online". Oxfordislamicstudies.com. 2008-05-06. मूल से 10 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-09-19.
  3. See entry for da‘wah in the en:Encyclopaedia of Islam.
  4. Sultan, Dr. Talat. "Book Review: Manual of Dawah for Islamic Workers". The Message International. अभिगमन तिथि 16 October 2020.
  5. "The Methodology of Dawah Manual & Method". Just Dawah. अभिगमन तिथि 16 October 2020.
  6. "The Dawah Training Workshop". British Muslim Heritage Centre. मूल से 17 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 October 2020.
  7. Malik, Adeel (14 February 2019). "Dawah Training Workshops". Muslim Council of Hong Kong. मूल से 30 अक्तूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 October 2020.
  8. "Share Islam with confidence - Learn how to share Islam with our free online course". iERA. अभिगमन तिथि 16 October 2020.