दही
दही, पूर्ण वसा पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) | ||||||||||||||||
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उर्जा 60 किलो कैलोरी 260 kJ | ||||||||||||||||
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(*) लैक्टोज़ की मात्रा भंडारण के दौरान घटती है। प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
दही एक दुग्ध-उत्पाद है जिसका निर्माण दूध के जीवाणुज किण्वन द्वारा होता है। लैक्टोज का किण्वन लैक्टिक अम्ल बनाता है, जो दूध प्रोटीन से प्रतिक्रिया कर इसे दही मे बदल देता है साथ ही इसे इसकी खास बनावट और विशेष खट्टा स्वाद भी प्रदान करता है। सोया दही, दही का एक गैर दुग्ध-उत्पाद विकल्प है जिसे सोया दूध से बनाया जाता है।
खाने में दही का प्रयोग पिछले लगभग 4500 साल से किया जा रहा है। आज इसका सेवन दुनिया भर में किया जाता है। यह एक स्वास्थ्यप्रद पोषक आहार है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B6 और विटामिन B12 जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है।
दही को 72 से 75 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म करके उसे 21 डिग्री सेंटीग्रेड ताप तक ठंडा करके उसमें 1 से 2% जामन मिलाकर 8 से 10 घंटे बाद बना उत्पादक कहलाता है
दही में अम्लता -- 0.7-0.9% दही में लैक्टोज -- 4=6-5%
दही के लाभ
इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस जैसी बीमारियाँ घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है।[1]
दही में छुपा है खूबसूरती का ख़जाना
दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो खाने में स्वास्थ्यवर्धक तो है ही साथ ही ये सौंदर्य निखारने के लिए भी अच्छा स्रोत माना जाता है। गर्मियों में अक्सर तेज धूप शरीर पर पड़ने से त्वचा झुलस या टैन हो जाती है, ऐसे में दही टैनिग कम करने के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है। इतना ही नही दही में बेसन मिलाकर लगाने से भी चेहरे पर चमक आती है। [2] [3]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 31 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 मार्च 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 नवंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2014.