दरार (1996 फ़िल्म)
दरार | |
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दरार का पोस्टर | |
निर्देशक | अब्बास-मस्तान |
लेखक | आदेश के॰ अर्जुन (संवाद) |
पटकथा | सचिन भौमिक |
निर्माता | सुजीत कुमार |
अभिनेता | जूही चावला, अरबाज़ ख़ान, ऋषि कपूर, जॉनी लीवर |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ | 5 जुलाई, 1996 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दरार 1996 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया और मुख्य भूमिकाओं में जूही चावला, ऋषि कपूर और अरबाज़ ख़ान हैं। ये जूलिया राबर्ट्स अभिनीत स्लीपिंग विद द एनीमी (1991) की रीमेक है। इसके पहले जारी हुई मनीषा कोइराला अभिनीत अग्नि साक्षी (1996) और माधुरी दीक्षित अभिनीत याराना (1995) भी इसी पर आधारित थीं।
संक्षेप
विक्रम (अरबाज़ ख़ान) अत्यधिक शक्की और अत्याचारी पति है। वह अपने क्रोध और रोष को नियंत्रित नहीं कर पाता है और लगातार अपनी नई-नवेली पत्नी प्रिया (जूही चावला) को पीटता है। वह प्रिया का इलाज करने वाले डॉक्टर की हत्या तक कर देता है जो उसकी माँ की मदद करने की कोशिश कर रहा था। एक दिन, विक्रम और प्रिया अपने जन्मदिन को किसी नाव पर मनाने के लिए जाते हैं। लेकिन नाव एक तूफान में फँस जाती है और प्रिया इस दौरान भाग जाती है। विक्रम सोचता है कि वह डूब गई। इसके बजाय, वह शिमला चली जाती है।
वहाँ, वह राज मल्होत्रा (ऋषि कपूर) से मिलती है। वह उसके साथ प्यार में पड़ जाता है, लेकिन वह हमेशा उससे दूर भागती है। बाद में, जब वह उसके कारण बीमार हो जाता है, तो वह अपनी माँ से पूछती है कि उसे क्या करना चाहिए। उसकी माँ ने उसे अपनी शादी के बारे में सच बताने को कहा। फिर उसकी मर्जी होगी कि वह उसे स्वीकार करेगा या नहीं। प्रिया ने अपने पिछले जीवन के बारे में एक पत्र लिखा। वह उस पत्र को राज को देने के लिए हरि (जॉनी लीवर) से कहती है। हरि पत्र को खो देता है और किसी से नया लिखने के लिए कहता है। राज को यह दूसरा पत्र मिलता है जिसमें एक कविता के अलावा कुछ भी नहीं होता। जब उसे पता चलता है कि वह विवाहित है, तो वह उसे छोड़ देता है। फिर हरि को मूल पत्र मिल जाता है और वह उसे राज को देता है। राज उससे शादी करने का फैसला करता है।
एक दिन, विक्रम ने समाचार पत्र में प्रिया की तस्वीर देखी और उसे पता चला कि वह जिंदा है। वह गोवा के लिए अपना टिकट रद्द कर देता है और शिमला पहुँच जाता है। शिमला में वह उसे खोजता है। यह पता लगने पर कि वह शादी कर रही है, वह राज को मारने की कोशिश करता है लेकिन असफल रहता है। तो वह राज को जेल भिजवा देता है। बाद में, वह प्रिया के घर जाता है और उसके दोस्त को मार देता है और प्रिया को भी मारने का प्रयास करता है।
फिल्म के अंत में, विक्रम की राज के साथ लड़ाई होती है जिसमें राज विक्रम द्वारा प्रिया को मारने से बचाने की कोशिश करता है। राज ने पानी से भरे बाथटब में विक्रम को डुबा दिया। विक्रम को मरा हुआ मानकर राज और प्रिया पास के रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाते हैं। विक्रम उन पर हमला करता है और राज को धक्का दे देता है। वहाँ, प्रिया का पीछा करते हुए विक्रम के पैर रेलवे ट्रैक पर फँस जाते हैं। यह देखकर, प्रिया विक्रम को बचाने की कोशिश करती है क्योंकि ट्रेन तेजी से उनके पास आ रही होती है। अपने अत्याचारी व्यवहार के बावजूद प्रिया के प्यार को देखकर, वह ट्रेन के उससे टकराने से पहले उसे धक्का दे देता है।
मुख्य कलाकार
- जूही चावला — प्रिया भाटिया
- ऋषि कपूर — राज मल्होत्रा
- अरबाज़ ख़ान — विक्रम
- जॉनी लीवर — हरि
- सुषमा सेठ — राज की माँ
- सुलभा आर्या — निर्मला भाटिया
- शिवा रिन्दानी
संगीत
सभी गीत अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "ये प्यार प्यार क्या है" | राहत इन्दौरी | कविता कृष्णमूर्ति, अभिजीत | 7:44 |
2. | "तू ही मेरी मंजिल" | राहत इन्दौरी | कुमार सानु, अलका याज्ञिक, | 7:35 |
3. | "ऐसी मिली निगाहें" | रानी मलिक | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 7:36 |
4. | "तेरा चाँद चेहरा" | शहीन इकबाल | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 6:06 |
5. | "मैं ही मैं हर तरफ" | मजरुह सुल्तानपुरी | शंकर महादेवन, अलका याज्ञिक | 6:52 |
6. | "मैंने कहा चल चल" | हसरत जयपुरी | उदित नारायण | 6:22 |
7. | "एक लड़की मेरा नाम" | राहत इन्दौरी | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 7:19 |
8. | "दीवाना दीवाना" | राहत इन्दौरी | अभिजीत, साधना सरगम | 8:24 |
कुल अवधि: | 57:58 |