दम्भ
दम्भ एक प्राचीन काल का दैत्य था। वह बलि का काका और महर्षि कश्यप का दिति के गर्भ से उत्पन्न पुत्र था। वह असुरराज बलि के साथ समुद्र मन्थन में भी था। राजा बलि के बाद बाणासुर हिमालय की ओर चला गया। इसलिए उसकी गद्दी को संभालने वाला एक मात्र दम्भ ही रह गया था। समुद्र मन्थन के बाद उसे एक तेजस्वी बालक की प्राप्ति हुई जिसका नाम शंखचूड़ रखा गया और यही शंखचूड़ बाद में जालन्धर भी कहलाया। जालन्धर का पालन पोषण दम्भ ने अपने पुत्र के समान किया था। चूंकि वह एक दैत्य था लेकिन वह सदा भगवान विष्णु की भक्ति में डूबा रहता था।