त्रिष्टुप छंद
त्रिष्टुप अथवा त्रिष्टुप् वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल ४४ वर्ण होते हैं जो ११-११-११-११ वर्णों के चार पदों में व्यवस्थित होते हैं।
उदाहरण:
अबोधि होता यजथाय देवानुर्ध्वो अग्निः सुमनाः प्रातरस्थात्।
समिद्धस्य रुशददर्शि पाजो महान् देवस्तमंसो निरमोचि।। -ऋग्वेद (५.१.२)
इसके अन्य भेद भी हैं, जैसे एकपदा त्रिष्टुप (११ वर्ण), द्विपदा (११+११), पुरस्ताज्योतिः, विराट् पूर्वा, विराट रूपा इत्यादि।