तोर्देसिलास की संधि
तोर्देसिलास की संधि | |
संधि का पहला पृष्ठ | |
सृजन | 7 जून 1494 तोर्देसिलास स्पेन में |
अनुमोदित | 2 जुलाई 1494 को स्पेन ने 5 सितंबर 1494 को पुर्तगाल ने |
स्थान | आर्किवो जनरल दे इंडियास (स्पेन) आर्क्यूवो नैशनल दा तोरे दो तोम्बो (पुर्तगाल) |
लेखक | पोप अलेक्जे़डर VI |
हस्ताक्षरकर्ता | आरागॉन के फर्डिनेंड द्वितीय पुर्तगाल के जॉन द्वितीय |
उद्देश्य | इसका उद्देशय यूरोप के बाहर खोजी गयी सभी "नयी भूमियों" को पुर्तगाल और स्पेन के मध्य बांटना था। |
तोर्देसिलास की संधि (पुर्तगाली: Tratado de Tordesilhas, स्पेनिश: Tratado de Tordesillas), जिस पर 7 जून 1494 को तोर्देसिलास (अब स्पेन के वैलादोलिद प्रांत में), में हस्ताक्षर किए थे, वह दस्तावेज था जिसके अनुसार यूरोप के बाहर खोजी गयी सभी "नयी भूमियों" को पुर्तगाल और स्पेन के मध्य बांटा गया था। इस बंटवारे के लिए एक काल्पनिक रेखा मध्याह्न 370 लीग को आधार बनाया गया था जो केप वर्दे द्वीप समूह (अफ्रीका के पश्चिमी तट से दूर समुद्र में स्थित) के पश्चिम से होकर जाती थी। यह विभाजन रेखा केप वर्दे द्वीप समूह (जिन पर पुर्तगाल का नियंत्रण था) और क्रिस्टोफ़र कोलम्बस द्वारा अपनी पहली यात्रा के दौरान खोजे गये द्वीपों (जिन पर स्पेन ने दावा किया था), के बीच से होकर निकलती थी। इन द्वीपों को इस संधि में सिपान्गु और एंटीलिया कहा गया है, जो आज के क्यूबा और हिस्पानिओला हैं। संधि के अनुसार इस रेखा के पूर्व की सारी भूमि पुर्तगाल की और पश्चिम की भूमि स्पेन की होगी। स्पेन ने संधि का अनुमोदन 2 जुलाई 1494 और पुर्तगाल ने 5 सितम्बर 1494 को किया था। दूसरी तरफ के विश्व का बंटवारा इसके कुछ दशकों बाद ज़रागोज़ा संधि के द्वारा जिस पर 22 अप्रैल 1529 को हस्ताक्षर किए गये, हुआ। इस संधि के अनुसार तोर्देसिलास की संधि में निर्दिष्ट सीमांकन की रेखा की प्रतिमध्याह्न रेखा निर्धारित की गयी। दोनों संधियों की मूल प्रतियों को आर्किवो जनरल दे इंडियास (Archivo General de Indias) स्पेन और आर्क्यूवो नैशनल दा तोरे दो तोम्बो (Arquivo Nacional da Torre do Tombo) पुर्तगाल में में रखा गया है।[1]
= सन्दर्भ =we
- ↑ Davenport, pp. 85, 171.