तुंगभद्रा नदी
तुंगभद्रा नदी (ತುಂಗಭದ್ರ ನದಿ) | |
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हम्पी में तुंगभद्रा नदी | |
देश | India |
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राज्य | कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तैलंगाना |
उपनदियाँ | |
- बाएँ | तुंग नदी, कुमुदवती नदी, वरदा नदी |
- दाएँ | भद्रा नदी, वेदवती नदी |
शहर | हरिहर, होस्पेट, हम्पी, मन्त्रालयम, कुर्नूल |
स्रोत | कूडली (वह स्थान जहां तुंग एवं भद्रा नदियों का संगम होता है। |
- स्थान | कूडली, भद्रावती, कर्नाटक, India |
- ऊँचाई | 610 मी. (2,001 फीट) |
मुहाना | कृष्णा नदी |
- स्थान | आलमपुर, महबूबनगर, तैलंगाना, India |
- ऊँचाई | 264 मी. (866 फीट) |
लंबाई | 531 कि.मी. (330 मील) |
जलसम्भर | 71,417 कि.मी.² (27,574 वर्ग मील) |
तुंगभद्रा नदी दक्षिण भारत में बहने वाली एक पवित्र नदी हैं। यह कर्नाटक एवं आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई आन्ध्र प्रदेश में एक बड़ी नदी कृष्णा नदी में मिल जाती है।[1] रामायण में तुंगभद्रा को पंपा के नाम से जाना जाता था। तुंगभद्रा नदी का जन्म तुंगा एवं भद्रा नदियों के मिलन से हुआ है। ये पश्चिमी घाट के पूर्वा ढाल से होकर बहती है। पश्चिमी घाट के गंगामूला नामक स्थान से (उडुपी के पास) समुद्र तल से कोई ११९८ मीटर की ऊँचाई से तुंग तथा भद्रा नदियों का जन्म होता है जो शिमोगा के पास जाकर सम्मिलित होती हैं जहाँ से इसे तुंगभद्रा कहते हैं। उत्तर-पूर्व की ओर बहती हुई, आंध्रप्रदेश में महबूब नगर ज़िले में गोंडिमल्ला में जाकर ये कृष्णा नदी से मिल जाती है। इसके किनारों पर कई हिंदू धार्मिक स्थान हैं। आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित शृंगेरी मठ तुंगा नदी के बांई तट पर बना है और इनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध है। चौदहवीं सदी में स्थापित दक्कनी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हंपी भी इसी के किनारे स्थित है।[2]VijayNagar Tungbadhra Nadi Ke Kinare hai,,
iski sahyak nadi hangri hai
सन्दर्भ
- ↑ "Tungabhadra River". मूल से 1 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-09-20.
- ↑ "Tungabhadra Board". मूल से 30 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2006-09-20.