तितली (उपन्यास)
तितली सामाजिक पृष्ठभूमि पर लिखित जयशंकर प्रसाद का दूसरा उपन्यास है। इसके केंद्र में गाँव है। इसका प्रकाशन सन् १९३४ ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।[1]
परिचय
इस उपन्यास के सन्दर्भ में डॉ॰ सत्यप्रकाश मिश्र ने लिखा है :
प्रसाद जी ब्योरेवार वर्णन के बजाय लाक्षणिक और संकेतात्मक वर्णन करते हैं। गाँव की प्रवृत्ति और उसका समाज प्रसाद के लिए एक इकाई है और इस इकाई का सुधार प्रसाद का लक्ष्य है।... सत्याग्रह युग का स्वप्न तितली में संघर्ष और विरोध के स्तर पर भी है और संगठन के स्तर पर भी है।[2]