तरंग गति
प्रत्यास्थता एवं जड़त्व के गुण रखने वाले द्रव्य माध्यम में किसी हलचल के समान चाल से गमन के कारण माध्यम के कणों की समान परन्तु लगातार परिवर्तनीय कला की गति को तरंग गति कहते हैं।
किसी माध्यम में तरंग संचरण के साथ ऊर्जा का संचरण तो होता है परन्तु माध्यम स्वयं अपना स्थान नहीं छोड़ता है। केवल माध्यम के कण अपनी-अपनी साम्य स्थितियों के सापेक्ष कम्पन करने लगते हैं।
तरंगों के प्रकार
- अनुप्रस्थ तरंगें
- अनुदैर्ध्य तरंगें
अनुप्रस्थ तरंगें
यदि किसी तरंग के किसी माध्यम में चलने पर माध्यम के कण तरंग गति की दिशा के अभिलम्बवत् दिशा में कम्पन करते हैं, उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते हैं। इस प्रकार की तरंगें केवल उन्हीं माध्यमों में उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें आकृति परिवर्तन के विरोध करने का गुण अर्थात् दृढ़ता (Rigidity) का गुण हो।
अनुदैर्ध्य तरंगें
यदि किसी तरंग के माध्यम में चलने पर माध्यम के कण तरंग गति की दिशा के समान्तर कम्पन करते हैं, उसे अनुदैर्ध्य तरंग कहते हैं।