डॉ शरण शिवराज पाटिल
डॉ शरण शिवराज पाटिल | |
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चित्र:DRSHARANPATIL.jpg अध्यक्ष, स्पर्श अस्पताल | |
जन्म | अप्रैल 13, 1965 कर्नाटक, इंडिया |
राष्ट्रीयता | भारत |
शिक्षा | एम.एस. (आर्थो), एमसीएच (आर्थो), लीवरपुल |
पेशा | आर्थोपेडिक डॉक्टर |
गृह-नगर | रायचूर |
धर्म | हिंदू |
जीवनसाथी | मीना पाटिल |
बच्चे | 2 बच्चे |
माता-पिता | डॉ जस्टिस शिवराज पाटिल |
वेबसाइट http://www.sparshhospital.com |
डॉ शरण शिवराज पाटिल | |
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सुवर्ण कन्नड़ राज्योत्सव प्रशांति बेल्ली चुक्की-2007 विनोवा विद्यारत्न डॉ पीएस शंकर विद्यार्थी विश्व मान्य कन्नडिगा साधना रत्न | |
चित्र:Sharanarajyoaward.jpg राज्योत्सव पुरस्कार | |
जगह | रवींद्र कलाक्षेत्र बैंगलोर कर्नाटक |
देश | भारत |
प्रथम सम्मानित | 2007 |
शरण शिवराज पाटिल भारत के एक मानवातावादी और ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं।
जीवन और करियर
डॉ शरण शिवराज पाटिल का जन्म भारत के कर्नाटक राज्य के रायचूर जिले में हुआ। उनकी आरंभिक शिक्षा गुलबर्ग में हुई। वर्ष 1979 वे बैंगलोर चले गए, जहां उन्होंने एमईएस कॉलेज में प्री-मेडिकल स्कूल ट्रेनिंग ली।
Sharan Patil completed his medical school with an academic distinction from M. R. Medical College Gulbarga, followed by a brief stint at St. Martha's Hospital in Bangalore. He followed it with a post-graduate degree at Kasturba Medical College Manipal and graduated with a diploma in orthopaedics in 1990. In 1991 he graduated with a master of science in orthopaedics and was awarded with a Gold medal.
In 1992, Sharan Patil moved to the United Kingdom for further training in the North West of England. His training included the Alder Hey Children's Hospital, Royal Liverpool University Hospital Hope Hospital, Manchester and Warrington District General Hospital. In दिसम्बर 1995, he was bestowed with Mch. Ortho from Liverpool University.
Sharan Patil returned to India in 1996 and joined Manipal Hospital in Bangalore. He later decided to bring high-quality medical care to poorer citizens, resulting in the birth of Sparsh Hospital.
योगदान
डॉ शरण की देखरेख में मणिपाल अस्पताल में सोलह महीनों में 3000 गरीब और वंचित लोगों का ऑपरेशन हुआ। डॉ शरण का लक्ष्य दबे-कुचले और वंचित लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लक्ष्य ने उन्हें स्पर्श फाउंडेशन स्थापना के लिए प्रेरित किया। अपने लक्ष्य की स्थापना के लिए उन्होंने कई कदम उठाये-
- दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए संजीवनी अधिकार योजना की शुरुआत की।
- स्पर्श पड़ोसी देखभाल योजना.
- नियमित अस्थिशोध शिविर, अपंगता शिविर एवं यशस्विनी शिविर, जो हड्डी-जोड़ सर्जरी को लोगों की पहुंच के लायक बनाता है।
- तमिलनाडु सरकार के सहयोग से होसुर में राष्ट्रीय राजपथ-7 पर प्राथमिक संजीवनी केंद्रों की स्थापना की गई।
- स्पर्श फाउंडेशन की स्थापना, जहां धर्म, जाति, नस्ल से परे सभी लोगों का विश्वस्तरीय इलाज हो।
लक्ष्मी ततमा
आठ हाथ-पैर वाली लक्ष्मी ततमा की कहानी ने स्पर्श अस्पताल को दुनियाभर में मशहूर बना दिया। लक्ष्मी भारत के बिहार राज्य के अररिया जिले की रहने वाली है। जो आठ हाथ-पैरों के साथ पैदा हुई थी। पाटिल ने 2007 में इलाज के लिए लक्ष्मी को बैंगलोर लाने के लिए बिहार का दौरा किया।
लक्ष्मी ततमा छह नवंबर, 2007 को ईलाज के लिए बैंगलोर आई. स्पर्श अस्पताल में डॉ शरण पाटिल की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने सत्ताइस घंटे तक लक्ष्मी का ऑपरेशन किया, इस टीम में नर्स, सर्जन, फिजीशियन और पारा-मेडिकल कर्मचारी शामिल थे। ऑपरेशन सफल रहा है और लक्ष्मी ठीक हो गई।
भारत में पहलीबार इतना जटिल ऑपरेशन किया गया। पूरे ऑपरेशन का खर्चा स्पर्श फाउंडेशन ने उठाया. इस तरह यह ऑपरेशन मुफ्त था।
स्पर्श फाउंडेशन
डॉ शरण पार्टी ने समाज के प्रति समर्पण, करुणा और प्रेम के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए स्पर्श फाउंडेशन की स्थापना की। उन्होंने आम आदमी तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के उद्देश्य से स्पर्श अस्पताल की स्थापना की। स्पर्श अस्पताल गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए Sparsh Hospital समर्पित हैं। गरीब लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवा प्रदान कराना इस फाउंडेशन का लक्ष्य है।
पुरस्कार एवं सम्मान
डॉ शरण शिवराज पाटिल को कई पुरस्कार मिले,
- ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगादान के लिए, कर्नाटक सरकार ने नवंबर 2007 में उन्हें प्रतिष्ठित राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया।
- बैंगलोर की सांस्कृतिक अकादमी ने 2007 में उन्हें स्वर्ण कन्नड़ राज्योत्सव प्रशांति पुरस्कार से सम्मानित किया।
- बैंगलोर के प्रतिभावर्द्धक अकादमी ने 2007 में उन्हें बेल्ली चुक्की पुरस्कार 2007 से सम्मानित किया।
- बैंगलोर के विनोवा वर्ल्ड ने उन्हें विनोवा विद्या रत्न से सम्मानित किया।
- गुलबर्ग के डॉ पी एस शंकर प्रतिष्ठान ने उन्हें डॉ पी एस शंकर पुरस्कार से सम्मानित किया।
- वचना साहित्य प्रतिष्ठान ने उन्हें विश्व मान्य कन्नडिगा पुरस्कार से सम्मानित किया।
- श्री गुरू साई सांस्कृतिक अकादमी, बैंगलोर ने उन्हें साधना रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया है।
- सीएनएन-आईबीएन ने उन्हें सामुदायिक सेवा वर्ग में सर्वेक्षेष्ठ भारतीय-2007(इंडियन ऑफ दी ईयर-2007) से सम्मानित किया है।