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डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय
(सागर विश्वविद्यालय)
सागर विश्वविद्यालय का प्रतीक चिह्न

आदर्श वाक्य:"असतो मा सद्गमय" (संस्कृत)
"असत्य से मुझे सत्य की ओर ले चलो"
स्थापित18 जुलाई 1946
प्रकार:सार्वजनिक
कुलपति:प्रो॰ एन॰ एस॰ गजभिए
शिक्षक:360
स्नातक:2500
स्नातकोत्तर:3000
अवस्थिति:सागर, मध्य प्रदेश, भारत
परिसर:ग्रामीण
सम्बन्धन:यूजीसी
जालपृष्ठ:www.dhsgsu.ac.in

डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय भारत के मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसको सागर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना डॉ॰ हरिसिंह गौर ने १८ जुलाई १९४६ को अपनी निजी पूंजी से की थी। अपनी स्थापना के समय यह भारत का १८वाँ विश्वविद्यालय था। किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। वर्ष १९८३ में इसका नाम डॉ॰ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। २७ मार्च २००८ से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई है।[1]

परिचय

डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय (डॉ.ह.गौ.वि.) एक आवासीय एवं संबद्धता प्रदायक विश्वविद्यालय है। मध्य प्रदेश में छः जिले सागर जिला, दमोह जिला, पन्ना जिला, छतरपुर जिला, टीकमगढ़ जिला और छिंदवाड़ा जिला इसके क्षेत्राधिकार में हैं। इस क्षेत्र के 19 कॉलेज इससे संबद्ध हैं, जिनमें से 19 निजी कॉलेज हैं। विंध्याचल पर्वत शृंखला के एक हिस्से पथरिया हिल्स पर स्थित डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय (डॉ.ह.गौ.वि.) का परिसर देश के सबसे सुंदर परिसरों में से एक है। यह करीब ८०३.३ हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। विश्‍वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक कार्यालय, विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों का संकुल, ४ पुरुष छात्रावास, १ महिला छात्रावास, स्पोर्ट्स कांप्लैक्स तथा कर्मचारियों एवं अधिकारियों के आवास हैं। विश्वविद्यालय में दस संकाय के अंतर्गत ३९ शिक्षण संकाय कार्यरत हैं। शिक्षण विभागों में स्नातकोत्तर स्तर पर अध्यापन एवं उच्चतर अनुसंधान की व्यवस्था है। इसके अलावा यहाँ दूरवर्ती शिक्षण संस्थान भी कार्यरत है, जो स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डिप्लोमा के कई कार्यक्रम संचालित करता है। विश्वविद्यालय परिसर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का केंद्र भी कार्य कर रहा है। [2]

अंग्रेज़ी एवं यूरोपीय भाषा विभाग, सागर विश्वविद्यालय

स्नातक स्तर की कक्षाओं का संचालन इस विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषता है। देश के गिने चुने विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर की कक्षाओं का संचालन शिक्षण विभागों में होता है, उनमें से यह भी एक है। बीए, बीएससी एवं बीकॉम पाठयक्रमों में छात्रों की संख्या काफी बड़ी है। बीए स्तर पर ५ वैकल्पिक विषय समूहों के अंतर्गत २५ विषयों की अध्ययन सुविधा है। बीएससी में २४ विषय समूहों में से किसी एक के अध्ययन की सुविधा है।

कुछ प्रसिद्ध पूर्व छात्र

सागर में पथरिया पहाड़ों में स्थित डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय का विहंगम दृश्य

सन्दर्भ

  1. "सागर में केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय की उपलब्धि". एमपीटाइम्स. मूल (एएसपी) से 2 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३ फरवरी २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "यूनिवर्सिटी प्रोफ़ाइल" (अंग्रेज़ी में). सागर विश्वविद्यालय. मूल (एचटीएम) से 12 दिसंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३ फरवरी २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ