डॅल्टा वलोरम तारा
डॅल्टा वलोरम, जिसके बायर नामांकन में भी यही नाम (δ Vel या δ Velorum) दर्ज है, आकाश में पाल तारामंडल में स्थित एक तारों का मंडल है जिसमें दो द्वितारे दिखाई दिए हैं। इसका सब से रोशन तारा "डॅल्टा वलोरम ए" +२.०३ मैग्निट्यूड की चमक (सापेक्ष कांतिमान) रखता है और पृथ्वी के आकाश में दिखने वाले तारों में से ४९वाँ सब से रोशन तारा है। अगर डॅल्टा वलोरम के सभी तारों को इकठ्ठा देखा जाए तो इनकी मिली-जुली चमक १.९५ मैग्निट्यूड है। ध्यान रहे के खगोलीय मैग्निट्यूड एक विपरीत माप है और यह जितना कम हो चमक उतनी ही ज़्यादा होती है। यह तारे पृथ्वी से लगभग ७९.७ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर हैं।
अन्य भाषाओं में
डॅल्टा वलोरम को चीनी में "कू शी" (弧矢, हू शी) कहते हैं जिसे अंग्रेज़ी में "Koo She" लिखा जाता है और जिसका अर्थ "तीर-कमान" है।[1]
वर्णन
खगोलशास्त्रियों को इस तारों के मंडल को ग़ौर से देखने पर दो द्वितारों के मंडल मिले हैं:
- डॅल्टा वलोरम ए (δ Vel A) - यह डॅल्टा वलोरम बी के साथ एक द्वितारा मंडल में है। यह एक A श्रेणी का मुख्य अनुक्रम तारा है।
- डॅल्टा वलोरम बी (δ Vel B) - यह डॅल्टा वलोरम ए के साथ एक तारामंडल में है।
- डॅल्टा वलोरम सी (δ Vel C) और डॅल्टा वलोरम डी (δ Vel C) - यह दोनों एक-दूसरे से एक अलग द्वितारा मंडल में बंधे हुए हैं।
अयन चलन की वजह से सन् ९००० में डॅल्टा वलोरम पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव के ठीक ऊपर स्थित प्रतीत होगा, यानि पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव तारा होगा।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Allen, Richard Hinckley (1963). Star Names: Their Lore and Meaning (Revised edition संस्करण). New York: Dover Publications. पृ॰ 73. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0486210790.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ (link)