डॅल्टा महाश्वान तारा
डॅल्टा महाश्वान, जिसका बायर नाम "डॅल्टा कैनिस मेजोरिस" (δ Canis Majoris या δ CMa) है, महाश्वान तारामंडल में स्थित एक तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले सभी तारों से ३७वाँ सब से रोशन तारा माना जाता है। यह हमसे १,८०० प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.८३ है।[1]
अन्य भाषाओं में
डॅल्टा महाश्वान को अंग्रेज़ी में "वॅज़ॅन" (Wezen) भी कहा जाता है। यह मूल रूप से अरबी भाषा के "वज़न" (وزن) शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ वही है जो हिन्दी में होता है, यानि "भार"।
वर्णन
डॅल्टा महाश्वान एक F8 Ia श्रेणी का महादानव तारा है। इसकी भयंकर अंदरूनी चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) हमारे सूरज की ५०,००० गुना है। इसका व्यास हमारे सूरज के व्यास का २१५ गुना और इसका द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान का १७ गुना है। इसकी उम्र केवल १ करोड़ वर्ष है (तुलना के लिए हमारे सूरज की आयु ४.५७ अरब वर्ष अनुमानित की गई है)। फिर भी इसमें नाभिकीय संलयन (न्यूक्लियर फ्यूज़न) इतनी तेज़ी से चला के इसके केंद्र में अब हाइड्रोजन इंधन समाप्त हो गया है और अन्य तत्वों को जोड़कर उनसे भी भारी तत्व बनाए जा रहे हैं। इस वजह से इस तारे की सतह का तापमान ठंडा पड़ता जा रहा है और तारा अकार में फूल रहा है। जैसे-जैसे यह ठंडा पड़ता है इसका रंग लाल होता चला जाएगा और क़रीब १ लाख सालों में यह एक लाल महादानव तारा बन जाएगा। जब इसका केंद्र लोहे से भर जाएगा यह सिमटकर एक महानोवा (सुपरनोवा) विस्फोट के साथ ध्वस्त हो जाएगा।
यह तारा इतना बड़ा है कि अगर यह पृथ्वी के इतना ही नज़दीक होता जितना कि व्याध तारा है तो रात में इसकी रौशनी आधे चाँद के बराबर होती।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ The Practical Astronomer, Will Gater and Anton Vamplew, Penguin, 2010, ISBN 978-0-7566-6210-3.