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ठाकुर कुशाल सिंह

ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत (१८३x-१८६४) १९वी शताब्दी के क्रांतिकारियों में से एक थे। जोधपुर रियासत[1] में आउवा ठिकाने के ठाकुर कुशाल सिंह चॉपावत ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जोधपुर राज्य व अंग्रेजो की सम्मिलित सेना को हराया था।[2] आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत मारवाड़ क्षेत्र में संघर्ष के मुखिया थे। महान स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे से उनका सम्पर्क था।

जोधपुर के शासक तख्तसिंह के विरुद्ध वहाँ के जागीरदारों में घोर असंतोष व्याप्त था। इन विरोधियों का नेतृत्व आउवा का ठाकुर कुशाल सिंह कर रहा था। २१ अगस्त १८५७ ई. को जोधपुर लीजियन को सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया। चूंकि कुशाल सिंह अंग्रेजों का विरोधी था अत: उसने इन विद्रोही को अपने साथ मिला लिया।[3]

इस पर कुशाल सिंह का सामना करने हेतु लिफ्टिनेट हीथकोट के नेतृत्व में जोधपुर की राजकीय फौज आई, जिसे कुशाल सिंह ने ८ सितम्बर, १८५७ ई. को आउवा के निकट परास्त किया। तत्पश्चात् जार्ज लारेन्स ने १८ सितम्बर १८५७ को आउवा के किले पर आक्रमण किया और विद्रोहियों को वहां से खदेड़ दिया। किन्तु विद्रोहियों के हाथों वह बुरी तरह पराजित हुआ। इसी जोधपुर का पोलिटिकल एजेन्ट कप्तान मोंक मेसन विद्रोहियों के हाथों मारा गया।[4][5]

इस पराजय का बदला लेने के लिए ब्रिगेडियर होम्स ने एक सेना के साथ प्रस्थान किया और २० जनवरी १८५८ ई. को उसने आउवा पर आक्रमण कर दिया। इस समय तक विद्रोही सैनिक दिल्ली में पहुँच चुके थे तथा अंग्रोजों ने आसोप गूलर तथा आलणियावास की जागीरों पर अधिकार कर लिया था। जब कुशल सिंह को विजय की कोई उम्मीद नहीं रही तो उसने आउवा के किले का बार अपने छोटे भाई पृथ्वीसिंह को सौंप दिया और वह सलुम्बर चला गया। १५ दिन के संघर्ष के बाद अंग्रेजों ने आउवा पर अधिकार कर लिया।[6][7]

सन्दर्भ

  1. "Auwa (Thikana), Jodhpur state". मूल से 14 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.
  2. "क्रांति १८५७, जोधपुर, राजस्थान". मूल से 7 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.
  3. "V Resorts Fort Auwa". मूल से 16 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.
  4. "राजस्थान रणबांकुरों की धरती". मूल से 25 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.
  5. "राजपूत समाज का गुस्सा फूटा". दैनिक नवज्योती. 14 April. मूल से 15 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  6. "जोधपुर में विद्रोह". मूल से 13 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.
  7. "Like a thakur in Fort Auwa". मूल से 14 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अक्तूबर 2014.