टोनी ब्लेयर
टोनी ब्लेयर | |
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2010 में ब्लेयर | |
पद बहाल 2 मई 1997 – 27 जून 2007 | |
राजा | एलिज़ाबेथ द्वितीय |
सहायक | जॉन प्रेस्कोट |
पूर्वा धिकारी | जॉन मेजर |
उत्तरा धिकारी | गॉर्डन ब्राउन |
पद बहाल 21 जुलाई 1994 – 2 मई 1997 | |
राजा | एलिज़ाबेथ द्वितीय |
प्रधानमंत्री | जॉन मेजर |
सहायक | जॉन प्रेस्कोट |
पूर्वा धिकारी | माग्रेट बेकेट |
उत्तरा धिकारी | जॉन मेजर |
लेबर पार्टी के नेता | |
पद बहाल 21 जुलाई1994 – 24 जून 2007 | |
सहायक | जॉन प्रेस्कोट |
लेबर पार्टी के महासचिव |
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लेबर पार्टी के अध्यक्ष |
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पूर्वा धिकारी | जॉन स्मिथ |
उत्तरा धिकारी | गॉर्डन ब्राउन |
मध्य-पूर्व चौकड़ी के विशेष प्रतिनिधि | |
पद बहाल 27 जून 2007 – 27 मई 2015 | |
पूर्वा धिकारी | जेम्स वुल्फेंसोन |
उत्तरा धिकारी | कीटो डे बोएर |
सेजफील्ड से संसद सदस्य | |
पद बहाल 9 जून 1983 – 27 जून 2007 | |
पूर्वा धिकारी | निर्वाचन क्षेत्र की स्थापना |
उत्तरा धिकारी | फिल विल्सन |
छाया मंत्रिमंडल के पद | |
जन्म | 6 मई 1953 एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड |
जन्म का नाम | एंथोनी चार्ल्स लिंटन ब्लेयर |
राजनीतिक दल | लेलेबर पार्टी |
जीवन संगी | चेरी बूथ (वि॰ 1980) |
बच्चे | चार बच्चे |
शैक्षिक सम्बद्धता |
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हस्ताक्षर | |
जालस्थल | इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल चेंज (अंग्रेज़ी) |
टोनी ब्लेयर उर्फ एंथोनी चार्ल्स लिंटन ब्लेयर (अंग्रेज़ी: Anthony Charles Lynton Blair) (जन्म 6 मई, 1953) एक ब्रितानी राजनीतिज्ञ है, जो मई 1997 से जून 2007 तक यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमन्त्री थे। 1994 से 2007 तक लेलेबर पार्टी के नेता रहे और वर्ष 1983 से 2007 तक सेजफ़ील्ड निर्वाचनक्षेत्र से संसद सदस्य रहे। वह अब अंतर्राष्ट्रीय मध्य-पूर्व चौकड़ी के दूत है।
ब्लेयर का जन्म एडिनबर्ग में हुआ था। फेट्स कॉलेज में अपनी पढ़ाई करने के बाद इन्होंने सेंट जॉन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इनकी रुचि राजनीति में होने लगी और वे लेबर पार्टी से जुड़े और 1983 में पहली बार सेजफील्ड से संसद सदस्य बने। इन्होंने पार्टी को ब्रिटिश राजनीति के केंद्र में लाने में काफी मदद किया, जिससे उनकी पार्टी को फिर से सरकार बनाने का मौका मिले। इनकी पार्टी 1979 से सरकार बनाने में विफल रही थी। 1988 में इन्हें पार्टी के फ्रंटबेंच में नियुक्त किया गया और 1992 में यह छाया गृह सचिव बन गए। यह 1994 में जॉन स्मिथ के मौत के बाद अपने लेबर पार्टी के नेता के रूप में चुनाव के बाद वे विपक्ष के नेता भी बन गए।