टोंक
samvadLakshya samvadLakshya | |
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सुनहरी कोठी, samvadlakshya | |
samvadLakshya राजस्थान में स्थिति | |
निर्देशांक: 26°10′N 75°47′E / 26.17°N 75.78°Eनिर्देशांक: 26°10′N 75°47′E / 26.17°N 75.78°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | टोंक ज़िला |
ऊँचाई | 289 मी (948 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,65,294 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, ढूंढाड़ी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 304001 |
वाहन पंजीकरण | RJ-26 |
टोंक (Tonk) भारत के राजस्थान राज्य के टोंक ज़िले में स्थित एक नगर व लोकसभा क्षेत्र है। और टोंक विधानसभा से वर्तमान विधायक सचिन पायलट हैं। [1]
विवरण
यह बनास नदी के ठीक दक्षिण में स्थित है। भूतपूर्व टोंक रियासत की राजधानी रह चुके इस शहर की स्थापना 1806 में नवाब अमीर खाँ पिंडारी ने की थी और यह छोटी पर्वत श्रृंखला की ढलानों पर अवस्थित है। इसके ठीक दक्षिण में क़िला और नए बसे क्षेत्र हैं। आसपास का क्षेत्र मुख्यत: खुला और समतल है, जिसमें बिखरी हुई चट्टानी पहाड़ियाँ हैं। टोंक के पास में बनास नदी से आसपास के गांव में पानी की सप्लाई घर घर में नल की व्यवस्था बीसलपुर बाँध से होती है और बनास नदी एक तरह से टोंक जिले के लिए वरदान है। यहाँ मुर्ग़ीपालन और मत्स्य पालन होता है तथा अभ्रक और बेरिलियम का खनन होता है। दिवंगत अभिनेता इरफान खान का जन्म भी टोंक शहर में हुआ था। और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी खलील अहमद का जन्म भी टोंक शहर में हुआ है। यहाँ का सबसे लोकप्रिय मंदिर देव धाम जोधपुरिया देवनारायण भगवान मंदिर है
पर्यटन स्थल
शाही जामा मस्जिद, बीसलपुर बांध, अरबी फारसी अनुसंधान संस्थान, सुनहरी कोठी, हाथी भाटा, अन्नपूर्णा डूंगरी गणेश मंदिर, डिग्गी में कल्याण जी का मंदिर, रसिया की टेकरी, किदवई पार्क, घंटाघर , कामधेनु सर्कल, नेहरू उद्यान, चतुर्भुज तालाब झील।
पूर्व इतिहास
टोंक का यह क्षेत्र महाभारत काल में सवादलक्ष नाम से जाना जाता था। यहाँ टोंक के इतिहास से जुड़े के प्राचीन खण्डरों से तीसरी शताब्दी के सिक्के मिले हैं। भूतपूर्व टोंक रियासत में राजस्थान एवं मध्य भारत के छह अलग-अलग क्षेत्र आते थे, जिन्हें पठान सरदार अमीर ख़ाँ ने 1798 से 1817 के बीच हासिल किया था। सन् 1948 में यह राजस्थान राज्य का अंग बना। कमाल अमरोही की फिल्म रजिया सुल्तान की शूटिंग टोंक में 1981-82 में हुई थी।
कृषि और खनिज
टोंक इस क्षेत्र का प्रमुख कृषि बाज़ार एवं निर्माण केंद्र है। ज्वार, गेहूं, चना, मक्का, कपास और तिलहन यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।
खातौली
यह गाँव टोंक की उनियारा तहसील के पास स्थित है। यहाँ पर विद्युत बनाने का प्लांट है जिसमें सरसों के नष्ट होने वाले भाग से बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस प्रक्रिया से आस-पास के लोगों को रोजगार मिलता है।
उद्योग और व्यापार
सूती वस्त्र की बुनाई, चर्मशोधन और नमदा बनाने की हस्तकला यहाँ के मुख्य उद्योग हैं। टोंक में राजस्थान की मिर्च मंडी मौजूद है। इसके अलावा यहाँ से निकलने वाली मिर्च और खरबूजे पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध हैं।
शिक्षण संस्थान
यहाँ का कॉलेज महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, अजमेर से सम्बध है। टोंक के निवाई स्थान में "बनस्थली विद्यापीठ" है जो महिलाओ की पूर्णतया निवासीय विश्वविद्याल है,जो महिलाओ के लिए कई प्रकार के उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराती है। इसी स्थान पर डॉक्टर के एन मोदी विश्वविद्यालय भी है। टोंक में बी एड, बी एस सी आदि के कई कॉलेज हैं। यहां सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भी है
कुप्रथा
टोंक, अजमेर, बूँदी, भीलवाड़ा और बाराँ के देहाती क्षेत्रों में एक प्रथा "नाता" के नाम से प्रचलित है। इसके अन्तर्गत जब किसी वजह से एक विवाहित जोड़े का साथ रहना संभव नहीं हो पाता तो वे एक दूसरे से अलग हो जाते हैं तथा महिला अलग होने के बाद जिस व्यक्ति के साथ रहना स्वीकार करती है वह व्यक्ति उस महिला के पुर्व पति को कुछ राशि (जुर्माना) देता है जिसे झगड़ा कहा जाता है जो एक प्रकार से विवाह के समय हुए खर्च की भरपाई होती है। आज के समय के रूप में देखा जाये तो यह एक तलाक ही होता है जिसमे महिला अपने पहले पति से तलाक ले कर दुसरे व्यक्ति से विवाह करती है ।[2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2017.