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टेस्टोस्टेरॉन

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टेस्टोस्टेरॉन
सिस्टमैटिक (आईयूपीएसी) नाम
(८R,९S,१०R,१३S,१४S,१७S)- १७-हाइड्रॉक्सी-१०,१३-डाईमिथाइल- १,२,६,७,८,९,११,१२,१४,१५,१६,१७- डोडेकाहाईड्रोसाइक्लोपेंटा[a]फेनैनथ्रेन-३-ओन
परिचायक
CAS संख्या58-22-0
57-85-2 (प्रोपियोनेट एस्टर)
en:PubChem6013
en:ChemSpider5791
रासायनिक आंकड़े
सूत्रC19H28O2 
आण्विक भार288.42
SMILESeMolecules & PubChem
भौतिक आंकड़े
गलनांक155–156 °C (311–313 °F)
विशिष्ट घूर्णन+110,2°
SEC Combust−११०८० कि.जूल/मोल
फ़ार्मओकोकाइनेटिक आंकड़े
जैव उपलब्धतानिम्न
उपापचय यकृत, अंडकोष एवं प्रोस्टेट
अर्धायु२-४ घंटे
उत्सर्जन मूत्र (९०%), मल (६%)

टेस्टोस्टेरॉन एंड्रोजन समूह का एक स्टीरॉएड हार्मोन है। स्तनपाइयों में टेस्टॉस्टेरॉन प्राथमिक रूप से नरों में अंडकोष से व मादाओं में अंडाशय से स्रावित होता है। हालांकि कुछ मात्रा अधिवृक्क ग्रंथि से भी स्रवित होती है।[1] यह प्रधान नर-सेक्स हार्मोन एवं एक एनाबोलिक स्टीरॉएड होता है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुष यौन लक्ष्णों के विकास को बढ़ाता है और इसका संबंध यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के परिमाण के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति से भी होता है। जब कोई पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, पर यह टेस्टोस्टेरॉन की कमी से भी होता है। एक परीक्षण के अनुसार, इससे प्रभावित अधिकतर लोग ३५ साल से कम आयु के थे और कुछ की तो एक दो साल पहले ही शादी हुई थी। इसके अनुसार टेस्टोस्टेरॉन का स्तर निर्णय लेने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जिन रोगियों मेंउनकी जानकारी के बगैर इसका स्तर बढ़ाया गया, उनका सामाजिक व्यवहार अन्य की तुलना में समाज के प्रति अधिक सकारात्मक हो गया। जिन रोगियों का मानना था कि टेस्टोस्टेरॉन अधिकता से आक्रामक व्यवहार उत्पन्न होता है अथवा जिन्होंने जानकारी में मात्रा ली, उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम ठीक रहा। पुरुषत्व के हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन मांसपेशियां सुगठित बनाने में भी सहायक होता है। चिकित्सकों के अनुसार टेस्टोस्टेरॉन की अधिक मात्र के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।[1]

आर्थिक दबावों और बढ़ती महंगाई के अलावा सामाजिक समस्याओं के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन नामक हार्मोन के स्तर में गिरावट सकती है और यह गिरावट अंततः स्तंभन ह्रास जैसी समस्याएं पैदा करती हैं। हाल के वर्षो में पति पत्नी घर, परिवार एवं दाम्पत्य संबंधों के बजाय व्यवसाय, वेतन और पैसे आदि को लेकर ही अधिक चिंता का वातावरण बना है। इनसे प्रभावित व्यक्ति के अंदर उपस्थित टेस्टोस्टेरॉन का स्तर उसके सामाजिक व्यवहारों को प्रभावित करता है। यह लोगों की मानसिक शांति के साथ-साथ उनके यौन जीवन पर ही ग्रहण लगा रही है। इससे पुरुषों में यौन शक्ति पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव पुरुषों में उक्त हार्मोन के स्तर को कम कर सकता है।[1]

टेस्टोस्टेरॉन क्रम-विकास से ही अधिकतर कशेरुकियों में संरक्षित है, हालांकि मछलियों में भी ये एक अन्य रूप में, ११-कीटोटेस्टॉस्टेरॉन नाम से मिलता है।[2]

सन्दर्भ

  1. टेस्टोस्टेरॉन Archived 2010-03-29 at the वेबैक मशीन। हिन्दुस्तान लाइव। १६ मार्च २०१०
  2. Nelson, Randy F. (2005). An introduction to behavioral endocrinology. Sunderland, Mass: Sinauer Associates. पपृ॰ 143. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-87893-617-3.

बाहरी कड़ियाँ