टनेल डायोड
यह एक p - n जंक्शन डायोड होता है। जिसमें धारा सामान्य रूप से इलेक्ट्रॉन्स द्वारा carry की जाती है। उच्च मात्रा में आशुद्धी मिले p-n जंक्शन के आध्ययन के दौरान Esaki ने tunneling की घटना के बारे में बताया। उच्च मात्रा में अशुद्धि मिले p-n जंक्शन में n- type आर्द्ध चालको में फर्मी ऊर्जा level conduction bond के bottom के ऊपर स्थित होता है। एवं सभी donar आयानित आवस्था में होते है। P- टाइप अर्धचालक में फरमी ऊर्जा level , valence bond के top के नीचे स्थित होते है। एवं सभी accepter आयनित अावस्था में होते है । उच्च मात्रा में आशुद्धि मिलने पर लाभ यह है कि आवक्षय परत की चौड़ाई घट जाती है। Unbaised आवास्था में p-n जंक्शन के n- क्षेत्र से इलेक्ट्रॉन एवं p- क्षेत्र से कोटर समान संख्या में जंक्शन को विपरीत दिशा में पर करते है। एवं जंक्शन धारा प्राप्त नहीं होती है। जब forward विभव जंक्शन पर आरोपित किया जाता है। तो n- क्षेत्र में ऊर्जा level ऊपर उठ जाते है। अब आधिकांश conduction bond के इलेक्ट्रॉन p- क्षेत्र के अनुमत (बाहरी ) रिक्त ऊर्जा level में पहुंचते है। एवं उच्च मात्रा में n से p दिशा में tunneling धारा प्राप्त होती है। Tunnel diode कहलाता है। forword विभव बढ़ाने पर n to p tunneling धारा मान बढ़ ता है एवं उच्चतम धारा प्राप्त होने के बाद धारा का मान घटता है। एवं फिर एकाएक धारा का मान बढ़ता जाता है।प्राप्त उच्च धारा को peak धारा (Ip) एवं विभव को peak विभव (Vp) कहते है। Tunnel diode को बनाने में ऐसे अार्ध चालक का प्रयोग करते है। जिनके लिए Ip/IV मान उच्च होता है। जहा Iv valley धारा है। Ge, Si, GeAs के लिए Ip/Iv के मान क्रमशः 8 ,3.5 ,35 होते है। अतः tunnel diode बनाने में मुख्यत GeAs का प्रयोग किया जाता है।