झूठा कहीं का
झूठा कहीं का | |
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झूठा कहीं का का पोस्टर | |
निर्देशक | रवि टंडन |
निर्माता | रवि मल्होत्रा |
अभिनेता | ऋषि कपूर, नीतू सिंह |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ | 30 मार्च, 1979 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
झूठा कहीं का 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह रवि टंडन द्वारा निर्देशित है। इसमें ऋषि कपूर और नीतू सिंह प्रमुख भूमिका में हैं।[1]
संक्षेप
राय परिवार में चार लोग शामिल हैं: पिता, माता शान्ति (इन्द्रानी मुखर्जी) और दो बेटे, अजय और विजय। एक जहाज पर यात्रा करते समय वे एक भयंकर तूफान में फँस जाते हैं, जिससे जहाज डूब जाता है और परिवार अलग हो जाता है। जबकि अजय और उसकी माँ एक साथ हैं, पिता राय और इसी तरह विजय अलग हो जाते हैं। धनवान जगतनारायण खन्ना (पिंचू कपूर), राय को बचा लेता है, उसे घर ले जाता है और उसे अपना व्यापारिक साझेदार बनाता है। वर्षों बाद, राय के बेटे बड़े हो गए हैं। अजय (ऋषि कपूर) पिंटो के गैराज में काम करने वाला एक मोटर मैकेनिक है, लेकिन उसके सपने बड़े हैं। वह झूठा और ठग है, जो शीतल खन्ना (नीतू सिंह) नाम की एक धनी महिला के साथ अपने सपने सच करना चाहता है।
फिर विजय (राकेश रोशन) है, जिसे अब विक्रम के नाम से जाना जाता है। वह शीतल खन्ना के लिए काम करता है और एक दिन उससे शादी करने की उम्मीद रखता है। लेकिन माला नाम की एक खूबसूरत महिला के साथ उसका रिश्ता है। जब माला गर्भवती हो जाती है, तो विक्रम उससे शादी करने से इनकार कर देता है। इसके तुरंत बाद, माला को मार दिया जाता है और विक्रम को प्रेम (प्रेम चोपड़ा) नामक एक व्यक्ति द्वारा ब्लैकमेल किया जाता है। वह दावा करता है कि उसने विक्रम को माला को मारते हुए देखा है। जब विक्रम और प्रेम को पता चलता है कि शीतल अजय से शादी कर सकती है, तो वे एक साथ मिल जाते हैं और उसके खिलाफ साजिश रचते हैं।
मुख्य कलाकार
- ऋषि कपूर ― अजय राय
- नीतू सिंह ― अनीता वर्मा / शीतल खन्ना
- राकेश रोशन ― विजय राय / विक्रम
- प्रेम चोपड़ा ― प्रेम
- प्रीति गाँगुली ― पारो
- बृज गोपाल ― मैकेनिक
- हेलन ― कैबरे नर्तकी
- इफ़्तेख़ार ― पुलिस इंस्पेक्टर
- पिंचू कपूर ― जगतनारायण खन्ना
- सत्येन्द्र कपूर ― पिंटो
- जावेद ख़ान ― जगजीत
- हरीश मागोन ― मैकेनिक
- मुश्ताक मर्चेन्ट ― मुश्ताक
- इन्द्रानी मुखर्जी ― श्रीमती शान्ति राय
- केष्टो मुखर्जी ― रहीम
- नीलिमा ― अनीता वर्मा
- युनुस परवेज़ ― राज़दान
- हरी शिवदेसानी ― फौजीराम
- ओम शिवपुरी ― राय
- गौरी वर्मा ― माला
संगीत
सभी गीत गुलशन बावरा द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "बारह बजे की सुइयों जैसे" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:16 |
2. | "झूठा कहीं का" | आशा भोंसले | 3:56 |
3. | "जीवन के हर मोड़ पे" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 6:39 |
4. | "देखों मेरा जादू" | आशा भोंसले | 5:12 |
5. | "दिल में जो मेरे समाँ गई" | किशोर कुमार, ऋषि कपूर | 4:54 |
सन्दर्भ
- ↑ "ऋषि कपूर की नीतू और रणबीर संग देखें ये 10 अनदेखी तस्वीरें जानें उनकी जिंदगी के ये अनसुने किस्से". मूल से 1 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2019.