झारखंड की अर्थव्यवस्था
झारखण्ड की अर्थव्यवस्था कृषि और कृषि सम्बंधित गतिविधियां झारखण्ड की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं। कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल केवल 38 लाख हेक्टेयर है। झारखण्ड राज्य के 79,714 वर्ग किमी क्षेत्र में से 18,423 वर्ग किमी क्षेत्र में वन हैं।
देश की बिकाश में झारखंड का योगदान
झारखंड सरकार के वित्त विभाग के दस्तावेज बताते हैं कि वर्ष 2000-01 में जब यह प्रदेश बिहार से अलग होकर अस्तित्व में आया था, तब देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 1.5 फीसदी हुआ करता था। वित्त वर्ष 2004-05 से वर्ष 2010-11 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में योगदान थोड़ा बढ़ा और यह 1.65 फीसदी हो गया। इसके बाद के 10 वर्ष की बात करें, तो देखेंगे कि वर्ष 2011-12 से वर्ष 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में 1.66 फीसदी का योगदान दिया।
झारखंड की आय में वर्ष 2011-12 से 2018-19 के बीच 6.2 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से वृद्धि हुई। वर्ष 2020-21 में तो इसमें 5.5 प्रतिशत की कमी आयी। वर्ष 2021-22 में 10.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य की आय पूर्ववत हो गयी। वर्ष 2022-23 में इसमें 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस वर्ष (2023-24) में इसमें 6.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।[1]
सिंचाई और बिजली
दामोदर, मयूराक्षी, बराकर, उत्तरी कोयेल, दक्षिणी कोयेल, संख, सुवर्णरेखा, खरकई और अजय यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं और राज्य के जल का प्रमुख स्रोत है। राज्य में कुल बुवाई का क्षेत्र 1.57 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 8 प्रतिशत क्षेत्र में ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पाती है। झारखण्ड में स्थापित विद्युत क्षमता 2,590 मेगावाट है। जिसके स्रोत हैं- 420 मेगावट (तेनुघाट ताप बिजलीघर) से, 840 मेगावाट (पतरातू ताप पनबिजलीघर) से, 130 (सिक्कीद्रि बिजली परियोजना) से और 1,200 मेगावाट (दामोदर घाटी निगम ताप / पनबिजली परियोजना)से। ताप व पनबिजली पर आधारित विभिन्न बिजलीघरों की क्षमता 4,736 मेगावाट की जा सकती है जिसमें 686 पनबिजली उत्पादन शामिल है।
उद्योग और खनिज
झारखण्ड के कुछ बड़े उद्योग हैं:
- सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट
- जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को)
- टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को)
- टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर)
- भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद)
- खिलाडी सीमेंट फैक्टरी (पलामू)
- इंडियन ऐल्यूमिनियम (मुरी)
- ए सी सी सीमेंट (चाईबासा)
- सेंट्रल कोलफीज्ड्स लिमिटेड (रांची)
- उषा मार्टिन, उषा बैल्ट्रान, यूरेनियम कारपोरेशन (इं) लिमिटेड (जादूगोड़ा)
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (मुसाबनी)
- टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर)
- इंडियन एक्सप्लोसिव लिमिटेड (गोमिया)
- हिंडालको बॉक्साइट (लोहरदगा)
- झारखण्ड राज्य खनिज संसाधनों में देश का समृद्धतम राज्य है। यहाँ उपलब्ध प्रमुख खनिज हैं- कोयला, कच्चा लोहा, चूना पत्थर, तांबा, बॉक्साइट, चीनी मिट्टी, काइनाइट, चिकनी मिट्टी, डोलोमाइट, ग्रेफाइट, बैंटोनाइट, साबुन पत्थर बिल्लौरी रेत और सिलिका बालू।
- इस नवगठित राज्य में सिंहभूम, बोकारो, हज़ारीबाग, रांची, कोडरमा और धनबाद में कोयला, अभ्रक और अन्य खनिजों के दोहन की अपार क्षमताएं हैं।
झारखंड का राजकीय प्रतीक
झारखंड का राजकीय चिन्ह – वृत्त के आकार का है, जो विकास का सूचक है। अशोक स्तंभ – यह राष्ट्र का प्रतीक होने के साथ – साथ झारखंड राज्य का प्रतीक भी है। इसका तात्पर्य झारखंड भी देश की समृद्धि में भागीदार है। पलाश के फूल – यह झारखंड का राजकीय फूल है, इसके लाल रंग झारखंड के सौन्दर्य को दर्शाता है।
राजकीय प्रतीक चिन्ह :- हाथी, पलाश के फूल आदि से घिरे चक्राकर प्रतीक चिन्ह के मध्य में सारनाथ का अशोक स्तंभ है, जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है।
- हाथी - 24
- पलाश का फूल - 24
- गोला - 60
- सोरा चित्रकारी के नृत्य जोड़ा - 24 (कुल 48)
1) पलाश के फूल :- राज्य का राजकीय पुष्प। इसके लाल रंग झारखंड के सौंदर्य की गाथा कहते हैं। लाल रंग यहां के लोगों के संघर्ष को दर्शाता है। फूल के नीचे काला रंग खनिज संपदा का सूचक है।
2) अशोक स्तंभ :- राष्ट्र का प्रतीक होने के साथ राज्य की संप्रभुता का वाहक। इस चिन्ह का तात्पर्य है कि झारखंड भी देश की समृद्धि में भागीदार है। झारखंड के जीवन दर्शन को इसमें समेटा गया है।
3) हाथी :- राज्य का राजकीय पशु। यह राज्य की अलौकिक प्राकृतिक संपदा, समृद्धि, शक्ति और अनुशासन का द्योतक है।
4) हरा रंग :- झारखंड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है।
5) चक्राकर विन्यास :- चौकोर की जगह चक्राकर विन्यास विकास के गतिमान पहिए का सूचक है।
झारखंड का राजकीय प्रतीक
राजकीय वृक्ष ➖ साल
राजकीय पुष्प ➖ पलाश
राजकीय पशु ➖ हाथी
राजकीय पक्षी ➖ कोयल
सन्दर्भ
- ↑ "भारत की अर्थव्यवस्था में झारखंड का योगदान". प्रभात खबर. 02 मार्च 2023. अभिगमन तिथि 02 दिसंबर 2023.
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