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झांसी जंक्शन रेलवे स्टेशन

वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी जंक्शन
भारतीय रेलवे, जंक्शन स्टेशन
Virangana Lakshmibai Jhansi Junction (VGLJ)
सामान्य जानकारी
स्थानलाल बहादुर शास्त्री मार्ग, झाँसी, उत्तर प्रदेश
भारत
निर्देशांक25°26′38″N 78°33′12″E / 25.4439°N 78.5534°E / 25.4439; 78.5534निर्देशांक: 25°26′38″N 78°33′12″E / 25.4439°N 78.5534°E / 25.4439; 78.5534
उन्नति260 मीटर (850 फीट)
स्वामित्वभारतीय रेलवे
संचालकउत्तर मध्य रेलवे
लाइन(एँ)/रेखा(एँ){नई दिल्ली-मुंबई सी.एस.एम.टी.}
{आगरा-भोपाल खंड}
{दिल्ली-चेन्नई लाइन}
{झांसी-कानपुर खंड}
{झांसी-मानिकपुर-इलाहाबाद खंड}
{झांसी-ग्वालियर-इटावा सेक्शन}
{झांसी-सवाई माधोपुर खंड (प्रस्तावित)}
प्लेटफॉर्म8
ट्रैक13
निर्माण
संरचना प्रकारमानक
पार्किंगउपलब्ध
साइकिल सुविधाएँउपलब्ध
अन्य जानकारी
स्थितिसंचालित
स्टेशन कोडVGLJ
ज़ोनउत्तर मध्य रेलवे (भारत)
मण्डलझांसी रेलवे मंडल
इतिहास
प्रारंभ1880
विद्युतित1986-87

वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी जंक्शन, उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी शहर में स्थित एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है। यह भारत के सबसे व्यस्ततम और सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में से एक है। यह भारत में कई सुपरफास्ट ट्रेनों के लिए एक प्रमुख अन्तरनगरीय हब और तकनीकी ठहराव है। भारतीय रेलवे के उत्तर मध्य रेलवे जोन में झांसी का अपना एक मंडल है। यह दिल्ली-चेन्नई और दिल्ली-मुंबई लाइन पर स्थित है। इस स्टेशन का कोड VGLJ है। हाल ही में झांसी जंक्शन रेलवे स्टेशन की वैगन मरम्मत कार्यशाला में कुल 1.5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। जहाँ कॉम्प्लेक्स के प्रोडक्शन शेड और सर्विस बिल्डिंग की छत पर सोलर पैनल लगाये जाएगें।उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे बोर्ड को एक प्रताव भेजा था जिसमें लिखा था कि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई साहेब नेवालकर के नाम पर रखा जाए । इस प्रकार से इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी जंक्शन हो गया है। [1][2]

इतिहास

1880 में झांसी स्टेशन

रेलवे स्टेशन का निर्माण अंग्रेजों ने 1880 के दशक के अंत में किया था। तीन स्थानों के लंबे सर्वेक्षण के बाद वर्तमान स्थल को स्टेशन के लिए चुना गया था। स्टेशन में एक विशाल किले जैसी इमारत है जिसे मरून और श्वेत रंग में रोंगन किया गया है।

स्टेशन में शुरुआत में तीन प्लेटफार्म थे। (प्लेटफ़ॉर्म एक, 2,525 फीट (770 मी॰) लंबा था जो कि भारत में पांचवां सबसे लंबा है। यह एक समय में दो ट्रेनों को आसानी से संभाल सकता है (यही प्लेटफॉर्म दो और तीन में भी हैं)। )

झांसी जंक्शन इंडियन मिडलैंड रेलवे कंपनी का केंद्र बिंदु था जिसने झांसी जंक्शन से सभी दिशाओं में रेडियल लाइन बिछाई और झांसी में बड़ी कार्यशाला का प्रबंधन किया।[3]

भारत की पहली शताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली और झांसी के बीच शुरू हुई।

झांसी, पहले मुंबई में मुख्यालय वाले मध्य रेलवे ज़ोन का एक हिस्सा हुआ करता था, लेकिन अब यह उत्तर मध्य रेलवे ज़ोन के अन्तर्गत आता है जिसका मुख्यालय इलाहाबाद में है।

संयोजन

बाहर से रेलवे स्टेशन का किनारे से दृश्य
झांसी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नं .4

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी जंक्शन भारत के कई औद्योगिक और महत्वपूर्ण शहरों जैसे: नई दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, भोपाल, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, जम्मू, आगरा, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, बांदा, नागपुर आदि से सीधी ट्रेनों से जुड़ा हुआ है।

वीरांगना‌‌ लक्ष्मीबाई झाँसी जंक्शन में 4 ब्रॉड गेज मार्ग है:

  1. दिल्ली से - मुंबई तक
  2. दिल्ली से - चेन्नई तक
  3. झांसी से - कानपुर सेंट्रल तक
  4. बीना से - भोपाल तक
  5. खजुराहो से - मानिकपुर तक

मध्य प्रदेश में वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी जंक्शन और शिवपुरी के बीच एक नई लाइन के लिए सर्वेक्षण चल रहा है जो आगे सवाई माधोपुर और जयपुर से जुड़ा होगा।

भारतीय रेलवे की कई प्रतिष्ठित रेलगाड़ियाँ झांसी से होकर गुजरती हैं, जिसमें गतिमान एक्सप्रेस (वर्तमान में भारत में सबसे तेज़ ट्रेन) शामिल है। )

खजुराहो, एक यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल और ओरछा जाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए झाँसी एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।

सन्दर्भ

  1. "VIVAAN SOLAR TO DEVELOP 1.5 MW SOLAR ROOFTOP PROJECT AT JHANSI RAILWAY STATION". मूल से 22 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 October 2017.
  2. "Great News !!!! Rooftop Expertise Gets Vivaan Solar Jhansi Railway Station Project". मूल से 7 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 October 2017.
  3. "[IRFCA] Ian Manning on the Indian Railways - Along The First Routes". Irfca.org. मूल से 12 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 October 2017.

बाहरी कड़ियाँ