ज्योति
ज्योत्स्ना | |
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प्रकाश, यज्ञ, कर्मकांड और आत्मज्ञान/आत्मप्रकाश की देवी | |
देवी ज्योति | |
अन्य नाम | ज्योति, ज्योत्सना, कल्याणी, यज्ञेश्वरी, गौरीनंदिनी, शिवसुता |
संबंध | शिव और पार्वती की तीन बेटियों में मझलीं बेटी |
अस्त्र | कमल, अग्निपात्र, त्रिशूल और खड्ग |
प्रतीक | दीपक, जलती यज्ञकुण्ड और अग्नि |
जीवनसाथी | नात्स्य |
माता-पिता | |
भाई-बहन | गणेश (छोटे भाई), कार्तिकेय (बड़े भाई), मनसा देवी (छोटी बहन), अशोक सुंदरी (बड़ी बहन) और भगवान अय्यपा (बड़े भाई) . |
संतान | सत्यवीर |
त्यौहार | ज्योति जयंती, यज्ञ |
देवी ज्योति भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री हैं जिनके जन्म के पीछे दो कहानियां प्रचलित हैं। कई पुराणों के अनुसार देवी ज्योति का जन्म भगवान शिव के तीसरे नेत्र की दिव्य रोशनी से हुआ था तो कई शास्त्रों के अनुसार इनका जन्म माता पार्वती के माथे के तेज से हुआ था। इनकी बड़ी बहन देवी अशोकसुन्दरी हैं और इनकी छोटी बहन मनसा देवी हैं । इनके छोटे भाई गणेश जी हैं और इनके बड़े भाई भगवान कार्तिकेय और भगवान अय्यपा हैं। इनके बहनोई महर्षि जरत्कारु और राजा नहुष हैं । यें ऋषि आस्तिक जो मनसा देवी के पुत्र हैं उनकी मौसी हैं । इन्हें ही ज्वालामुखी के नाम से भी जानते हैं। इनका विवाह सूर्य नारायण और सरण्यु के पुत्र नात्स्य के साथ संपन्न हुआ था और नात्स्य को ज्योति के गर्भ से सत्यवीर नामक पराकर्मी पुत्र प्राप्त हुआ था।