ज्ञानसागर (छाणी)
ज्ञानसागर | |
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आचार्य ज्ञानसागर | |
विवरण | |
जन्म | १ मई, १९५७[1] |
जन्म स्थान | मुरैना, मध्यप्रदेश[2] |
गृहस्थ जीवन | |
पिता | शांतिलाल जैन |
माता | अशर्फी देवी जैन |
मुनि जीवन | |
क्षुल्लक दीक्षा | ५ नवम्बर १९७६, सोनागिर |
मुनि दीक्षा | ३१ मार्च १९८८ |
दीक्षा स्थान | सोनागिर |
उपाध्याय पद | ३० नवम्बर १९८९, सरधना |
जैन धर्म |
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जैन धर्म प्रवेशद्वार |
आचार्य ज्ञानसागर एक प्रख्यात दिगम्बर जैन संत हैं। आचार्य ज्ञानसागर के प्रवचन सत्य, अहिंसा, संयम जैसे विषयों पर होते हैं।[3][4][5]
प्रेरणा
आचार्य श्री निम्न प्रवृतियों के प्रेरणा स्तोत्र हैं-[6]
- जैन डॉक्टर सम्मेलन
- जैन वैज्ञानिक सम्मेलन
- ज्ञान सागर साइंस फाउंडेशन[7]
- ज्ञान प्रतिभा- यह संस्था प्रतिभाशाली जैन छात्र-छात्राओं का सम्मान करती हैं।[8]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Jain 2015, पृ॰ 11.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
- ↑ "Truth-always-wins". Navbharat. मूल से 23 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
- ↑ Jain 2015, पृ॰ 11-12.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जून 2020.
- ↑ "ज्ञान प्रतिभा (परिचय)". मूल से 1 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2016.
सन्दर्भ ग्रंथ
- Dr. Gokulchandra Jain (2015). समन्तभद्रभारती (1st संस्करण). बुढाना, मुज्जफरनगर (उ•प्र•.): आचार्य शांतिसागर छाणी स्मृति ग्रन्थमाला. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-90468879.
- नीरज जैन (2016). सविनय नमोस्तु (बारहवाँ संस्करण). मेरठ (उ•प्र•): श्रुत संवर्द्धन संस्थान. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-92484747.