जी. एस. शिवरुद्रप्पा
जी. एस. शिवरुद्रप्पा | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | कन्नड़ भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | समालोचना |
उल्लेखनीय कामs | काव्यार्थ चिन्तन |
जी. एस. शिवरुद्रप्पा कन्नड़ भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना काव्यार्थ चिन्तन के लिये उन्हें सन् 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
पुस्तकें
- मेरा दीया और अन्य कविताएँ[2] (2022, राजमंगल प्रकाशन)
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ "Rajmangal Publishers | Kannada to Hindi Translation Book Publishers India". Rajmangal Publishers (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-12-01.