जीसैट-5पी
| मिशन प्रकार | संचार उपग्रह |
|---|---|
| संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
| मिशन अवधि | योजना:12-14 वर्षों कक्षा तक पहुँचने में असफल |
| अंतरिक्ष यान के गुण | |
| बस | आई-2के |
| निर्माता | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
| लॉन्च वजन | 2,310 किलोग्राम (81,000 औंस) |
| मिशन का आरंभ | |
| प्रक्षेपण तिथि | 25 दिसंबर 2010, 10:34 यु.टी.सी |
| रॉकेट | भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ06 |
| प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
| कक्षीय मापदण्ड | |
| निर्देश प्रणाली | भूकक्षा |
| काल | भू-स्थिर कक्षा |
| देशान्तर | 55° पूर्व |
| युग | योजना |
| ट्रांस्पोंडर | |
| बैंड | 36 जी/एच बैंड (आईईईई सी बैंड) |
जीसैट-5पी (GSAT-5P) या जीसैट-5प्राइम (GSAT-5 Prime) एक प्रयोगात्मक संचार उपग्रह था। इसे भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 एफ06 की उड़ान में भेजा गया था। लेकिन भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 1 के बूस्टर की विफलता के कारण यह कक्षा तक नहीं पंहुचा। उड़ान भरने के कुछ समय बाद बूस्टर विफल हो गए और राकेट निर्धारित पथ से भटक गया। इसको देखते हुए उड़ान के 63 सेकंड बाद सीमा सुरक्षा अधिकारी ने राकेट को बंगाल की खाड़ी में नष्ट करने का आदेश दिया और उपग्रह राकेट के साथ नष्ट हो गया।[1]