जीसैट-4
जीसैट-4 | |
मिशन प्रकार | संचार उपग्रह |
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संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
मिशन अवधि | योजना:7 वर्षों कक्षा तक पहुँचने में असफल |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
बस | आई-2के |
निर्माता | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र इसरो उपग्रह केंद्र |
लॉन्च वजन | 2,220 किलोग्राम (4,890 पौंड) |
ऊर्जा | 2,760 वाट |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 15 अप्रैल 2010, 10:57 यु.टी.सी |
रॉकेट | भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 डी3 |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकक्षा |
काल | भू-स्थिर कक्षा |
देशान्तर | 82° पूर्व |
युग | योजना |
ट्रांस्पोंडर | |
बैंड | केए-बैंड |
जीसैट-4 (GSAT-4) को हेल्थसैट के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रयोगात्मक संचार और नेविगेशन उपग्रह था। इसे भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 की प्रथम प्रयोगिक उड़ान में भेजा गया था। लेकिन भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 2 के तीसरे चरण की विफलता के कारण यह कक्षा तक नहीं पंहुचा। और वायुमंडल में ही नष्ट हो गया। [1]