जीवन मृत्यु (1970 फ़िल्म)
| जीवन मृत्यु | |
|---|---|
जीवन मृत्यु का पोस्टर | |
| निर्देशक | सत्येन बोस |
| पटकथा | गोविन्द मूनिस |
| कहानी | डॉ विश्वनाथ राय |
| निर्माता | ताराचंद बड़जात्या |
| अभिनेता | धर्मेन्द्र राखी अजीत राजेन्द्रनाथ |
| छायाकार | मदन सिन्हा |
| संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
| वितरक | राजश्री प्रोडक्शन्स अल्ट्रा वितरक |
प्रदर्शन तिथि | 1970 |
लम्बाई | 158 मिनट |
| देश | |
| भाषा | हिन्दी |
जीवन मृत्यु सन् 1970 में प्रदर्शित जुर्म पर आधारित एक रोमांचक हिन्दी फ़िल्म है। जिसमें धर्मेन्द्र, राखी, अजीत तथा राजेन्द्रनाथ मुख्य भुमिका मे है। फ़िल्म का निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स तथा निर्देशन सत्येन बोस ने किया है।
यह राखी की पहली हिन्दी फ़िल्म थी।
संक्षेप
अशोक जो कि सिटीज़न बैंक मे मैनेजर है अपनी विधवा माँ के साथ रहता है और दीपा से प्रेम करता है, और जल्द ही दोनो का विवाह होने वाला है। परंतु उसके सहकर्मी उसे चोरी के झूठे मुक़दमे में फँसाकर सात वर्ष की क़ैद करवा देते है। जब वह जेल से रिहा होता है तो पाता है कि उसकी माँ की मृत्यु हो चुकी है और दीपा भी कहीं और जा चुकी है। बर्बाद मगर अब भी ईमानदार, जब उसकी मुलाकात राजा रणवीर सिंह से होती है तो वे उसे सहारा व नई पहचान देते है। अशोक जो अब एक बड़ा उद्योगपति बिक्रम सिंह हो गया है, दीपा को ढूँढ निकालता है और अपने दुश्मनों से बदला लेता है।
चरित्र
| अभिनेता | भूमिका |
|---|---|
| धर्मेन्द्र | अशोक टंडन / बिक्रम सिंह |
| राखी | दीपा |
| अजीत | हरिशचंद्र श्रॉफ "हरीश" |
| कन्हैया लाल | जगत नारायण |
| रमेश देव | पी अमरनाथ |
| कृष्ण धवन | रमाकांत |
| बिपिन गुप्ता | राजा रणवीर सिंह |
| राजेन्द्रनाथ | प्रेम प्रकाश |
| शबनम | जयश्री |
| पी जयराज | एसएन राय |
| लीला चिटनिस | अशोक की माँ |
| गजानन जागीरदार | दीपा के पिता |
| रूपेश कुमार | समीर |
| मा० बंटी | शंकर |
| वी गोपाल | भीम सेन |
| मुराद | न्यायाधीश |
संगीत
फ़िल्म के गीत आनंद बख्शी ने लिखे है तथा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया है।
| क्रम | गीत | गायक |
|---|---|---|
| १ | झिलमिल सितारो का आंगन होगा | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेश्कर |
| २ | जमाने में | लता मंगेश्कर |
| ३ | झिलमिल सितारो का आंगन होगा (भाग-२) | लता मंगेश्कर |
रोचक तथ्य
प्रथम बार धर्मेन्द्र ने किसी फ़िल्म मे सिक्ख की भूमिका अदा की। यह फ़िल्म इसी नाम की बंगाली फ़िल्म का रीमेक थी जिसमें उत्तम कुमार व सुप्रिया देवी मुख्य भूमिका मे थे।
परिणाम
फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता अर्जित की। ये धर्मेन्द्र की सर्वश्रेष्ठ अभिनीत फ़िल्मो मे शुमार है। इस का गीत "झिलमिल सितारो का आंगन होगा" आज भी काफी लोकप्रिय है।