जीवन–यात्रा
| जीवन–यात्रा | |
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| [[चित्र:|]] जीवन–यात्रा | |
| लेखक | हरिमोहन झा | 
| देश | भारत | 
| भाषा | मैथिली भाषा | 
जीवन–यात्रा मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार हरिमोहन झा द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1985 में मैथिली भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.