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जीवन्मुक्त

जीवनमुक्त का शाब्दिक अर्थ है 'जीवित रहते हुए मुक्त'। ऐसा व्यक्ति जिसने वेदांत दर्शन में पूर्ण आत्म-ज्ञान और आत्म-बोध प्राप्त किया है और कैवल्य या मोक्ष प्राप्त किया है[1][2] और इस तरह से जीवित रहते ही (बिना मरे) मुक्त हो गया है। इस अवस्था को वेदांत, योग और हिंदू धर्म के अन्य सम्प्रदायों जीवनमुक्ति कहते हैं और एक महान लक्ष्य है।[3]

सन्दर्भ

  1. The Vivekacūḍāmaṇi of Śaṅkarācārya Bhagavatpāda: An Introduction and Translation edited by John Grimes "A mukta is a mukta, with or without a body.110 It may be said that a knower of the Self with a body is a Jivan Mukta and when that person sheds the body, he attains Videhamukti. But this difference exists only for the onlooker, not the mukta."
  2. Klaus Klostermaier, Mokṣa and Critical Theory, Philosophy East and West, Vol. 35, No. 1 (Jan., 1985), pages 61-71
  3. Norman E. Thomas (April 1988), Liberation for Life: A Hindu Liberation Philosophy, Missiology, Volume 16, Number 2, pp 149-160

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