सामग्री पर जाएँ

जिन राजवंश (१११५–१२३४)

अगर आप २६५ ईसापूर्व से ४२० ईसवी तक चलने वाले चीन का राजवंश ढूंढ रहे हैं, तो जिन राजवंश नामक लेख देखिये
सन् ११४१ ईसवी में जिन राजवंश के साम्राज्य का नक़्शा (आसमानी नीले रंग में)

जिन राजवंश (जुरचेन: अइसिन गुरून; चीनी: 金朝, जिन चाओ; अंग्रेजी: Jin Dynasty), जिसे जुरचेन राजवंश भी कहा जाता है, जुरचेन लोगों के वानयान (完顏, Wanyan) परिवार द्वारा स्थापित एक राजवंश था जिसने उत्तरी चीन और उसके कुछ पड़ोसी इलाक़ों पर सन् १११५ ईसवी से १२३४ ईसवी तक शासन किया। यह जुरचेन लोग उन्ही मान्छु लोगों के पूर्वज थे जिन्होनें ५०० वर्षों बाद चीन पर चिंग राजवंश के रूप में राज किया। ध्यान दीजिये की इस जिन राजवंश से पहले एक और जिन राजवंश आया था जिनका इस वंश से कोई सम्बन्ध नहीं है।

स्थापना

जिन राजवंश की स्थापना उत्तरी मंचूरिया में बसने वाले जुरचेन लोगों के एक क़बीले के वानयान अगुदा (完顏阿骨打, Wanyan Aguda) नामक मुखिया ने की थी। उनका पहला मुक़ाबले उत्तरी चीन पर राज कर रहे ख़ितानी लोगों के लियाओ राजवंश से हुआ। लियाओ वंश का मंचूरिया और मंगोलिया के कुछ भाग पर सदियों से क़ब्ज़ा था।[1] सन् ११२१ में जुरचेनों ने लियाओ के दक्षिण में स्थित सोंग राजवंश से संधि करके इकठ्ठे लियाओ पर हमला करने का फ़ैसला किया। सोंग फ़ौजें तो असफल रहीं लेकिन जुरचेन लियाओ को मध्य एशिया की तरफ़ खदेड़ने में कामयाब रहे। ११२५ में अगुदा का देहांत होने पर जुरचेनों ने सोंग के साथ संधि तोड़कर उनके इलाक़ों पर भी हमला कर दिया। ९ जनवरी ११२७ में उन्होंने काईफ़ेंग शहर (जो उत्तरी सोंग राजवंश की राजधानी थी) पर क़ब्ज़ा कर के उसे जला डाला। सोंग परिवार भागकर यान्गत्से नदी के पार जाकर टिक गया और वहां उन्होंने एक नए दक्षिणी सोंग राजवंश के नाम से अपना शासन जारी रखा। समय के साथ जुरचेन लोग चीनी संस्कृति में ढलते गए और लगभग ३० लाख जुरचेन उत्तरी चीन में आ बसे। इनके अधीन ३ करोड़ चीनी नागरिक थे। ११९१ तक इन्होने अपनी नसल शुद्ध रखने के लिए जुरचेनों और हान चीनी लोगों के बीच शादियाँ वर्जित रखी। उसके बाद दोनों गुटों में शादियाँ होने लगी और जुरचेन धीरे-धीरे चीनी सभ्यता का हिस्सा बनने लगे।[2]

पतन

१३वीं सदी के शुरआत से ही उत्तर में स्थित मंगोल लोग जिन साम्राज्य को तंग करने लगे। १२११ में चंगेज़ ख़ान की मंगोल फ़ौज के ५०,००० घुड़सवारों ने जिन साम्राज्य पर हमला कर दिया और इस क्षेत्र के बाग़ी ख़ितानी लोगों और जुरचेनों को अपने साथ शामिल कर लिया। पहले तो उन्होंने जिन राज्य की पश्चिमी राजधानी दातोंग (大同, Datong) जीती। १२१२ में उन्होंने जिन राज्य की पूर्वी राजधानी को लूटा और १२१३ में उनकी केन्द्रीय राजधानी झोंगदू (中都, Zhongdu, आधुनिक बीजिंग शहर) को घेर लिया। जिन राजवंश जैसे-तैसे मंगोलों के साथ संधि कर के केन्द्रीय राजधानी पर तो बने रहे लेकिन कुछ ही महीनों में अपनी सरकार दक्षिणी राजधानी काईफ़ेंग शहर में ले गए।[3] १२१६ में जिन साम्राज्य के कुछ सलाहकारों ने उन्हें दक्षिण में स्थित सोंग राजवंश पर हमला करने की ख़राब राय दी। युद्ध शुरू तो हुआ लेकिन १२१९ में उन्हें हार मिली। अब जिन राज्य उत्तर से मंगोलों और दक्षिण में सोंग के साथ दो-तरफ़ा लड़ाई में फँस गया। १२३२ में मंगोल सम्राट चंगेज़ ख़ान के पुत्र ओगताई ख़ान ने सोंग वंश की मदद के साथ जिन साम्राज्य पर हमला किया। १२३३ में उनकी फ़ौजें जिन राजधानी में घुस गई। १२३४ में जिन राजवंश के सम्राट आईज़ोंग ने आत्महत्या कर ली और जिन साम्राज्य का अंत हो गया। जिन राज्य का मंगोलों और सोंग में बटवारा होना था लेकिन वे समझौता न कर सके और उनमें आगे इसपर आपसी युद्ध हो गया।[4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Cast Chinese Coins, David Hartill, Trafford Publishing, 2005, ISBN 978-1-4120-5466-9, ... The Liao Dynasty ... In 1120, they were defeated by the Jin, and withdrew to the west ...
  2. How Zen Became Zen: The Dispute Over Enlightenment and the Formation of Chan Buddhism in Song-Dynasty China, Morten Schlütter, University of Hawaii Press, 2010, ISBN 978-0-8248-3508-8, ... the loss of northern China to the Jurchen Jin dynasty (1115–1234) in 1127, a crushing and humiliating defeat for the Song dynasty ...
  3. Harmony and war: Confucian culture and Chinese power politics, Yuan-Kang Wang, Columbia University Press, 2011, ISBN 978-0-231-15140-5, ... Starting in 1211, Chinggis Khan attacked Jin positions every year. The Mongols occupied several towns and gradually expanded their territory at the Jin's expense ...
  4. The History of China, Britannica Educational Publishing, The Rosen Publishing Group, 2010, ISBN 978-1-61530-181-2, ... In 1234 the emperor committed suicide, and organized resistance ceased. The southern border of the former Jin state — the Huai River — now became the border of the Mongol dominions in northern China ...