जिंजी दुर्ग
जिंजी दुर्ग | |
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तमिलनाडु का भाग | |
Villupuram District, Tamil Nadu, India | |
जिंजी दुर्ग | |
निर्देशांक | 12°15′03″N 79°23′45″E / 12.2507°N 79.3957°Eनिर्देशांक: 12°15′03″N 79°23′45″E / 12.2507°N 79.3957°E [1] |
प्रकार | Forts |
स्थल जानकारी | |
नियंत्रक | Archaelogical Survey of India |
दशा | Ruins |
स्थल इतिहास | |
निर्मित | 9th century and 13th century |
निर्माता | Initially Ananda Konar[] , and later Chola Dynasty, Vijayanagara Empire |
सामग्री | Granite Stones and lime mortar |
घटनाएँ | National Monument (1921) |
जिंजी दुर्ग Archived 2021-04-18 at the वेबैक मशीन या सेंजी दुर्ग तमिलनाडु में स्थित एक दुर्ग है। यह दुर्ग विल्लुपुरम जिले में पुद्दुचेरी के पास स्थित है। यह इस प्रकार निर्मित है कि छत्रपति शिवाजी ने इस किले को भारत का सबसे 'अभेद्य दुर्ग' कहा था। अंग्रेजों ने इसे 'पूरब का ट्रॉय' कहा था।
जिंजी दुर्ग दक्षिण भारत के उत्कृष्टतम किलों में से एक है। इसका निर्माण नौंवी शताब्दी में कराया गया था, जब यह चोल राजवंश के अधिकार में था, किन्तु यह किला आज जिस रूप में है वह विजय नगर के राजा का कठिन कार्य है, जिन्होंने इसे एक अभेद्य दुर्ग बनाया। सन् 1677 ई. में शिवाजी ने जिंजी के दुर्ग को बीजापुर से छीन लिया और अपनी कर्नाटक सरकार की राजधानी बना दिया। शिवाजी की मृत्यु के बाद जिंजी पूर्वी तट पर मराठों के स्वातंत्र्य युद्ध का प्रमुख केन्द्र बन गया।