ज़ीब्रा
| ज़ीब्रा | |
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| वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
| जगत: | जंतु | 
| संघ: | रज्जुकी | 
| वर्ग: | कशेरुकी | 
| गण: | पॅरिसोडॅक्टाइला | 
| कुल: | ऍक्वीडी | 
| वंश: | ऍक्वस | 
| उपवंश: | हिप्पोटिग्रिस और डॉलिकोहिप्पस | 
| जाति | |
ज़ीब्रा ( ZEE-brə) या ज़ेब्रा ( ZEB-rə)[1] अफ़्रीका में घोड़े के कुल की कई जातियाँ हैं जो अपने शरीर में सफ़ेद और काली धारियों से पहचाने जाते हैं। इसकी धारियाँ अलग-अलग प्रकार की होती हैं और मनुष्य के अंगुलियों के निशान की तरह दो जानवरों की धारियाँ एक जैसी नहीं होती हैं। यह सामाजिक प्राणी होते हैं जो छोटे से लेकर बड़े झुण्डों में रहते हैं। अपने करीबी रिश्तेदारों घोड़े और गधे के विपरीत ज़ीब्रा को कभी पालतू नहीं बनाया जा सका।
 ज़ीब्रा की तीन जातियाँ जीवित हैं — मैदानी ज़ीब्रा, ग्रॅवी का ज़ीब्रा और पहाड़ी ज़ीब्रा। मैदानी और पहाड़ी ज़ीब्रा हिप्पोटिग्रिस उपवंश के हैं लेकिन ग्रॅवी का ज़ीब्रा डॉलिकोहिप्पस उपवंश का है। ग्रॅवी का ज़ीब्रा गधे की तरह ज़्यादा दीखता है और उससे करीबी रूप से सम्बन्धित भी है, जबकि पहले दो घोड़े रूपी अधिक होते हैं। तीनों ऍक्वस प्रजाति के अंतर्गत आते हैं। 
सन्दर्भ
- ↑ "Online Etymology Dictionary". Etymonline.com. मूल से 4 मार्च 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३/०९/२०१२. |accessdate=में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)