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ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)

ज़ंजीर
चित्र:ज़ंजीर.jpg
ज़ंजीर का पोस्टर
निर्देशकप्रकाश मेहरा
लेखकसलीम ख़ान, जावेद अख़्तर
निर्माताप्रकाश मेहरा
अभिनेताअमिताभ बच्चन,
जया बच्चन,
प्राण,
ओम प्रकाश,
अजीत,
बिन्दू,
इफ़्तेख़ार,
केष्टो मुखर्जी,
रणधीर,
गुलशन बावरा,
राम मोहन,
युनुस परवेज़,
संजना,
पूर्णिमा,
संगीतकारकल्याणजी आनंदजी
गुलशन बावरा (गीत)
प्रदर्शन तिथि
११ मई १९७३
देशभारत
भाषाहिन्दी

ज़ंजीर 1973 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।

संक्षेप

चरित्र

मुख्य कलाकार

अभिनेता/अभिनेत्रीपात्र/भूमिकासूचना
अमिताभ बच्चनइंस्पेक्टर विजय खन्ना
जया बच्चनमाला
प्राणशेर खान
ओम प्रकाशडिसिल्वा
अजीतसेठ धर्मदयाल तेजा
बिन्दूमोना
इफ़्तेख़ारपुलिस कमिश्नर सिंह
केष्टो मुखर्जीगंगू
रणधीरलाला अशोक शेर खान का मित्र
गुलशन बावराबंजारा गायक गाना 'दीवाने है दीवानों को'
संजनाबंजारा नर्तकी गाना 'दीवाने है दीवानों को'
राम मोहनकबीर
युनुस परवेज़काँस्टेबल
राम सेठी काँस्टेबल
एम्. राजन रंजीत विजय के पिता
पूर्णिमासुमित्रा विजय की माँ
नंदिता ठाकुरशांति भाभी
सत्येन्द्र कपूरपुलिस इंस्पेक्टर
आशालता वाब्गावकर इंस्पेक्टर की पत्नी 'व'
विजय की सौतेली माँ
भूषण तिवारीतेजा का आदमी
जावेद खानतेजा का आदमी
रणवीर राजतेजा का आदमी
कृष्ण धवनतेजा का आदमी
मैकमोहनतेजा का आदमी,
शराब गोदाम में
सप्रूपाटिल
गोगा कपूरगोगा

दल

संगीत

गानागायकसमयसूचना
बना के क्यों बिगाड़ा रे लता मंगेशकर3:25
चक्कू छुरियां तेज करा लो आशा भोंसले3:45
दीवाने है दीवानों को लता मंगेशकर
मोहम्मद रफ़ी
4:35 विख्यात गाना
दिलजलों का दिल जला के आशा भोंसले3:55
यारी है ईमान मेरा मन्ना डे6:20 सुविख्यात गाना

रोचक तथ्य

उल्लेखनीय वार्ता

शेर खान: अस्सलाम-आले-कुं इंस्पेक्टर, हमारी खुशकिस्मती तुम जैसे बड़े अफसर ने हमें याद किया, हमारे लायक कोई खिदमत
विजय: तुम्हारा नाम शेर खान हैं
शेर खान: इस इलाके में नए आये हो साहब, वरना शेर खान को कौन नहीं जनता? खैर अब मुलाकात हो गई
(शेर खान बैठने कुर्सी निकालने पर विजय उसे लात मारकर धकेल देता है)
विजय: जब तक बैठने को न कहा जाये शराफ़त से खड़े रहो, यह पुलिस स्टेशन हैं तुम्हारे बाप का घर नहीं
शेर खान: साहब आज तक किसी ने शेर खान से इतनी बड़ी बात नहीं कही, यह तुम नहीं तुम्हारी वर्दी तुम्हारी कुर्सी बोल रही हैं, जिस दिन यह कुर्सी यह वर्दी नहीं रहेगी तुम...
विजय: (चिल्लाते) शाट अप यू ब्लडी...
शेर खान: चिल्लाओ नहीं साहब, गला ख़राब हो जाएगी साहब, घंटी बजाओ और हवालदार को कहो के शेर खान को हवालात में बंद कर दे
विजय: हवालदार, शेर खान को बहार छोड़ दो
शेर खान: शेर खान खुद आया था, खुद चला जायेगा, खुदा-हाफिज़

परिणाम

बौक्स ऑफिस

समीक्षाएँ

नामांकन और पुरस्कार

बाहरी कड़ियाँ