जयपुर-अतरौली घराना
जयपुर-अतरौली घराना (जिसे जयपुर घराना, अतरौली-जयपुर घराना और अल्लादियाखानी गायकी के नाम से भी जाना जाता है) एक हिंदुस्तानी संगीत शिक्षुता बिरादरी (घराना) है, जिसकी स्थापना 19वीं सदी के अंत में अल्लादिया खान ने की थी। यह घराना ध्रुपद परंपरा से विकसित हुआ है, लेकिन इसे आमतौर पर ख़याल के लिए जाना जाता है।[1] यह घराना केसरबाई केरकर, मोगुबाई कुर्दीकर, मल्लिकार्जुन मंसूर, किशोरी अमोनकर और अश्विनी भिड़े-देशपांडे जैसे प्रशंसित संगीतकारों के लिए जाना जाता है।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Sharma, Manorma (2006). Tradition of Hindustani music. New Delhi: A.P.H. Pub. Corp. पृ॰ 49. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7648-999-9.
- ↑ Suryanarayan, Renuka (2019-08-08). "Conveying the essence of Jaipur-Atrauli gharana". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2021-08-24.